साल 2025 ने फाइनेंशियल हिस्ट्री में खुद को खास पलों में शामिल कर लिया है, जब क्रिप्टो और डिजिटल एसेट्स सिर्फ अटकलों से आगे बढ़कर ग्लोबल इकोनॉमिक फैब्रिक का हिस्सा बन गए हैं।
Wall Street के बोर्डरूम्स से लेकर Washington की पॉलिसी चेम्बर्स तक, डिजिटल एसेट्स ने आजकल एक्सपेरिमेंट से निकलकर वेल्थ प्रिजर्वेशन और इनोवेशन के जरूरी टूल बनने की राह पकड़ ली है।
2025 में क्रिप्टो का टर्निंग पॉइंट, ये बड़े बदलाव हमेशा के लिए हुए
Institutional दिग्गजों ने Bitcoin में अरबों $ इन्वेस्ट किए, कंपनियों ने inflation से बचाव के लिए डिजिटल ट्रेजरी बनाई, मीम कॉइन्स ने उत्साह और खतरे के एज पर डांस किया और प्रो-क्रिप्टो प्रशासन ने GENIUS Act जैसे ऐतिहासिक कानून के साथ रेग्युलेटरी बाधाएँ खत्म कीं।
इस आर्टिकल में आपको डाटा और insights के जरिए बताया जाएगा कि कैसे ये सारे फैक्टर्स मिलकर मार्केट्स को नया रूप दे रहे हैं। यह भी बताया गया है कि इनमें अरबों $ की नई कैपिटल कैसे आई और साथ ही इकोसिस्टम की कुछ कमजोरियां भी सामने आईं, जो अभी खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
जैसा कि BeInCrypto ने सालभर में दिखाया है, ये बदलाव न सिर्फ ग्रोथ, बल्कि फाइनेंशियल सेक्टर में पॉवर के स्तर पर बुनियादी बदलाव का संकेत हैं।
Bitcoin का Institutionalization
2025 में Bitcoin की institutionalization क्रिप्टो के लिए मील का पत्थर बनी, जिसने वोलाटाइल एसेट को डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बना दिया।
Spot ETF बहुत जल्दी mature हो गए, जिसमें BlackRock का IBIT ETF लगभग $68 बिलियन AUM तक पहुंच गया, डेली वॉल्यूम में दबदबा बनाया और ज्यादातर inflow को अपनी तरफ खींचा।
Bitcoin में institutional AUM $235 बिलियन तक पहुंच गया, जो 2024 के मुकाबले 161% की जबरदस्त बढ़त है, क्योंकि pension funds जिनके पास $12 ट्रिलियन एसेट्स की जिम्मेदारी थी, उन्होंने पहली बार क्रिप्टो मार्केट में कदम रखा।
यह AUM, प्राइवेट कंपनियों, पब्लिक कंपनियों, exchanges या कस्टोडियन और ETF के बीच होल्डिंग्स का कुल योग लेकर और उसे Bitcoin प्राइस से गुणा करके निकाला जाता है।
Bursera Capital के प्रोजेक्शन्स दिखाते हैं कि इस साल $40 बिलियन से ज्यादा का इनफ्लो आया है, जो पिछली साल के रिकॉर्ड को पार कर गया। इसकी वजह फेयर-वैल्यू अकाउंटिंग रूल्स हैं, जिससे बैलेंस शीट में वोलैटिलिटी कम हो गई है। अब कंपनियां BTC को बिना किसी भारी mark-to-market नुकसान के होल्ड कर सकती हैं।
रेग्युलेटरी क्लैरिटी ने मुख्य भूमिका निभाई है। US ने एक स्ट्रेटेजिक Bitcoin रिजर्व बनाया और रिटायरमेंट प्लान्स पर लगे प्रतिबंध हटा दिए हैं।
Bitcoin अब फ्रिंज नहीं रहा
दिसंबर के मध्य तक, US के टॉप 25 बैंकों में से 14 बैंक Bitcoin प्रोडक्ट्स डेवलप कर रहे थे। यह जानकारी Bitcoin फाइनेंशियल सर्विस फर्म River ने दी है। साथ ही, एसेट मैनेजर्स ने मार्केट गिरावट के दौरान भी नेट लॉन्ग पोजिशन बनाए रखे।
साल की शुरुआत में EY का एक सर्वे बताता है कि 86% इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स बढ़ाने की प्लानिंग कर रहे हैं। DeFi में एक्सपोजर 24% से बढ़कर 75% होने की उम्मीद है। रिसर्च में यील्ड जनरेशन पर फोकस है, जैसे लेंडिंग और डेरिवेटिव्स, वो भी Fireblocks जैसी सिक्योर प्लेटफॉर्म्स के जरिए।
Newhedge के डेटा के अनुसार दिखाया गया कि Bitcoin की 30-दिन की वोलैटिलिटी में 70% तक कमी आई है। जो 2025 की ऑल-टाइम हाई 3.81% से घटकर अगस्त में 1.36% तक आ गई थी। इससे Bitcoin, कुछ ट्रेडिशनल इक्विटीज से भी ज्यादा शांत हो गया था। वहीं, प्राइस $76,000 से बढ़कर $126,000 तक पहुंच गया।
Standard Chartered जैसी कंपनियों के एनालिस्ट्स ने अंदेशा लगाया था कि पेंशन के चलते डिमांड शॉक होंगे, जहां ETF में हर $1 बिलियन के इनफ्लो से प्राइस ऊपर जा सकते हैं।
ब्लॉकचेन इंटेलिजेंस फर्म Arkham के अनुसार, 2025 की शुरुआत में कॉरपोरेट Bitcoin होल्डिंग्स 600,000 BTC से कम थीं, लेकिन इस साल इंस्टिट्यूशनल इंटरेस्ट काफी बढ़ गया है। अब कंपनियों के पास कुल BTC सप्लाई का 4.7% से ज्यादा हिस्सा है।
इसी माहौल में, MicroStrategy के Michael Saylor जैसे भरोसा रखने वालों का कहना है कि अब Bitcoin फ्रिंज नहीं है। बल्कि, ये एक फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर बन चुका है। यही बात Bitcoin 2025 Conference में भी दिखी, जहां US Vice President JD Vance की BTC होल्डिंग और पाकिस्तान के नेशनल रिजर्व्स पर भी फोकस रहा।
इस इंस्टिट्यूशनल एडॉप्शन ने सिर्फ मार्केट्स को स्टेबल करने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि Bitcoin को एक मॉडल रिजर्व एसेट बना दिया है, जिससे पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजीज़ भी हमेशा के लिए बदल गई हैं।
Digital Asset Treasuries
2025 में Digital Asset Treasuries (DATs) की अहमियत तेजी से बढ़ गई। CoinGecko डाटा के मुताबिक, इन्होंने $121 बिलियन से ज्यादा एसेट्स—जैसे Bitcoin, Ethereum और Solana—अक्युमिलेट किए। इन्हीं के कंट्रोल में ETH का करीब 4% और SOL का 2.5% भी है।
फेयर-वैल्यू अकाउंटिंग की वजह से ये ग्रोथ तेज हुई, जिससे कंपनियां बिना बैलेंस शीट डिस्टॉर्शन के एसेट्स में अलोकेट कर सकीं। Bitwise एनालिस्ट्स ने नोट किया कि इससे “मार्केट में बड़ा बदलाव आ सकता है।”
MicroStrategy ने इस ट्रेंड को दिखाया, क्योंकि उसके पास 671,268 BTC से ज्यादा हैं। मिड-ईयर में कॉरपोरेट अक्युमिलेशन 1.68 मिलियन BTC से बढ़कर 1.98 मिलियन BTC तक पहुंच गई।
Rwa.xyz के डेटा के अनुसार टोकनाइज्ड ट्रीजरीज़ 80% बढ़कर $8.84 बिलियन हो गई हैं, जो कि Q4 के बीच में अपने ऑल-टाइम हाई $9.3 बिलियन पर पहुंच गई थी। ये स्टेबलकॉइन की तुलना में ज्यादा यील्ड देती हैं, क्योंकि US रेट्स 3.50%-3.75% के बीच रही, और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से efficiency आई।
स्टेबलकॉइन को छोड़कर रियल- वर्ल्ड असेट्स (RWAs) 229% तक बढ़कर $19 बिलियन पहुँच गए, जिसमें Ethereum के पास अकेले $12.7 बिलियन की ट्रीजरी है।
DefiLlama पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक, स्टेबलकॉइन का मार्केट कैप $308 बिलियन पार कर चुका है, और यह GENIUS Act की रेग्युलेटरी छाया में मैच्योर हो रहा है।
Galaxy Research की फोरकास्ट्स ने बुलिश माहौल दिखाया है, जिसमें DAO-मैनेज्ड बॉन्ड्स 2026 तक $500 मिलियन से ज्यादा हो सकते हैं, और क्रिप्टो-बैक्ड लोन $90 बिलियन तक पहुँच सकते हैं। ETF इनफ्लोज़ के $50 बिलियन को पार करने की उम्मीद है, जिसमें sovereign wealth funds भी शामिल हो सकते हैं।
मार्केट स्ट्रेस और कैपिटुलेशन
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी आईं, जैसे mNAV कम्प्रेशन के कारण कुछ DATs को अपनी होल्डिंग्स बेचनी पड़ी या बंद करना पड़ा, क्योंकि इनफ्लोज़ जुलाई के ऑल-टाइम हाई से 90-95% तक गिर गए।
BeInCrypto ने दिखाया कि माइनर्स और फर्म्स कैसे Bitcoin बाइंग रिट्रीट का सामना कर रही हैं, अब DAT इनफ्लोज़ 2025 के लिए केवल $1.32 बिलियन रह गए हैं। $25-$75 बिलियन की डिमांड ट्रीजरीज़ में स्टेबलकॉइन के जरिए शिफ्ट हो रही है, जिससे डेब्ट मार्केट के साथ इंटीग्रेशन हो रहा है।
“DATs सिर्फ speculation तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि लॉन्ग-टर्म के लिए मजबूत इकनॉमिक इंजन बन सकते हैं,” ऐनालिस्ट Ryan Watkins ने लिखा, जिससे उनके लॉन्ग-टर्म implications का ज़िक्र हुआ।
यह ग्रोथ ट्रेडिशनल फाइनेंस और क्रिप्टो को जोड़ती है, लेकिन रिस्क के साथ। कम होती liquidity और भरोसे की कमी के कारण बार-बार सेल-ऑफ़ होते हैं, जिससे MicroStrategy और BitMine जैसी कंपनियों पर नए रेवन्यू मॉडल खोजने का दबाव आता है।
आखिरकार, DATs ने 2025 में मजबूती और महत्वाकांक्षा के मिले-जुले रूप को दर्शाया, जिससे कंपनी ट्रेजरी डिजिटल युग के लिए बदल गए।
मेमे कॉइन्स का उभार और गिरावट
2025 में मीम कॉइन ने क्रिप्टो मार्केट की दोहरी प्रकृति को दर्शाया : एक जबरदस्त तेजी और उसके बाद तेज “heat death”, जहां ट्रेडिंग वॉल्यूम 70-85% तक गिर गया और माइंडशेयर में 90% की भारी गिरावट आई।
इस सेक्टर का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2024 के अंत में $100 बिलियन से ऊपर पहुंच गया था लेकिन फिर जोरदार कंसोलिडेशन हुआ। हालांकि, 2025 के सितंबर में एक बार फिर जोरदार हलचल ने नरेटिव को रिवाइव कर दिया। कुल मार्केट कैप $60 बिलियन के करीब पहुंच गया (क्रिप्टो मार्केट का 2%)।
AI बॉट्स और सेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज (CEXs) ने संभवतः इन पंप्स को और बढ़ाया, क्योंकि AI पुराने ऑर्डर बुक्स और arbitrage plays का फायदा उठाने के लिए जाने जाते हैं।
DOGE, SHIB और PEPE जैसी OGs ने मल्टी-बिलियन मार्केट कैप बनाए रखे और बाजार mature होने के साथ ही ये यूटिलिटी हाइब्रिड में बदल गईं।
Pump.fun का 90% वॉल्यूम ड्रॉप यूटिलिटी अल्ट्स की तरफ बदलाव की तरफ इशारा करता है। 2026 में एक बार फिर से revival की उम्मीद है, जब hype cycle शुरू होगा। मीम्स ने निवेशकों की 25% रुचि को कैप्चर किया, जिसे अब “emotion futures” के तौर पर दोबारा पेश किया जा रहा है।
CoinGecko का डैशबोर्ड दिखाता है कि मार्केट कैप किस तरह से बॉटमिंग इंडीकेट करता है और किस तरह hype से यूटिलिटी की ओर बदलाव हुआ है। Q1 में लगभग 2 मिलियन टोकन्स क्रैश हो गए।
इस साइकल में मीम कॉइन क्रेज, जो अब AI ऑर्केस्ट्रेशन से और भी स्मार्ट और रिस्की हो गई है, वह क्रिप्टो की speculative साइड को दिखाता है।
Crypto President और रेग्युलेशन्स, जैसे GENIUS Act
President Donald Trump के नेतृत्व में, जिन्हें “क्रिप्टो President” कहा जाता है, 2025 ने रेगुलेटरी रिनेसां की शुरुआत की। इस दौरान, जुलाई में GENIUS Act पर भी हस्ताक्षर किए गए।
यह ऐतिहासिक कानून stablecoin के लिए 1:1 रिजर्व, रेगुलर ऑडिट्स, कंज़्यूमर प्रोटेक्शन और नॉन-सिक्योरिटी स्टेटस अनिवार्य करता है। इसकी निगरानी OCC और अलग-अलग राज्यों के बीच बांटी गई है।
प्लान पास होने से पहले इसकी संभावना 68% तक पहुंच गई थी, वहीं VP JD Vance ने वादा किया कि कानून बनते ही टैलबर्ड फ्रेमवर्क लागू होंगे। हालाँकि मार्केट structure बिल अटका रहा जिससे exchanges अनिश्चितता में रहे, लेकिन GENIUS Act ने asset tokenization को आगे बढ़ा दिया।
Trump की वेंचर्स को लेकर चिंता से rejection का डर था, लेकिन कानून पास होने का मतलब था कि अब पहले नियम और गाइडलाइंस आएँगी। FDIC ने implementation की तैयारियां शुरू कर दी थीं और बैंकों को custody की अनुमति दी। इसके असर स्वरूप USDC व USDT की एडॉप्शन में 20-30% की बढ़ोतरी और इश्यूअर्स का कंसोलिडेशन हुआ।
ग्लोबल लेवल पर इस कानून ने उभरते markets को इंस्पायर किया, वहीं EU MiCA के तहत मीम्स को high-risk बताया गया। FSOC की सालाना रिपोर्ट में भी GENIUS framework को स्पॉटलाइट किया गया। इन्वेस्टर Paul Barron बोले कि ये कदम alts और stablecoin के लिए bullish है—इससे क्रिप्टो सेक्टर मेनस्ट्रीम हो गया।
BeInCrypto ने एक्ट की पूरी journey को ट्रैक किया—House से पास होने से लेकर Treasury की implementation डिले और staking yields जैसे loopholes पर। इस रेग्युलेटरी बदलाव ने enforcement से empowerment की दिशा में बड़ा बदलाव किया और ट्रिलियन डॉलर के पोटेंशियल को unlock किया, जिससे 2025 क्रिप्टो की maturity का साल बन गया।
अब पीछे मुड़कर देखें तो 2025 सिर्फ क्रिप्टो के लिए बड़ा साल नहीं था—यह वो टर्निंग पॉइंट था जब digital assets ने फाइनैंशियल future में अपनी मजबूत जगह बना ली।
Institutions के आगे बढ़ने, treasuries के बैलेंस मजबूत होने, memes के नए एक्सपेरिमेंट्स और regulations के effective गार्डरेल्स ने मार्केट्स को ज्यादा मजबूती दी, उन्हें सभी के लिए खोला और अब ये अटूट बन गए हैं।
जैसे-जैसे हम 2026 की ओर बढ़ रहे हैं, इस बदलते दौर की सीख यही है: क्रिप्टो में survival का नाम है—evolution।