2025 में, क्रिप्टो की सबसे प्रभावशाली स्टोरी hype से हटकर यूजर की जरूरत और ऐसे सिस्टम्स की ओर बढ़ गई, जो असली दुनिया में measurable असर देते हैं। इस साल ने प्रॉडक्शन के लिए तैयार ऐसे सिस्टम्स का ट्रांजिशन दिखाया, जो ग्लोबल वैल्यू मूव करने और सैटलमेंट को आसान बनाते हैं।
SynFutures, Brickken और Cake Wallet के एक्सपर्ट्स का कहना है कि stablecoins, प्राइवेसी, टोकनाइज्ड assets और applied AI ने speculation से ज्यादा असली डिमांड के चलते बड़ी एडॉप्शन देखी है।
वो साल जब क्रिप्टो बना इन्फ्रास्ट्रक्चर
कई मामलों में, 2025 वाकई असाधारण साल रहा। पहली बार क्रिप्टो इस लेवल की इंस्टीट्यूशनल इंटीग्रेशन तक पहुंचा, जहां यूज़र्स अकसर ‘क्रिप्टो’ को प्रोडक्ट की तरह न देखकर इसका इस्तेमाल बैकएंड पर करते रहे।
सेक्टर में वोलैटिलिटी बनी रही, लेकिन केवल कुछ ही क्रिप्टो स्टोरी ऐसी थीं जो अपनी प्रैक्टिकल यूटिलिटी के लिए जानी गईं। इसके मुकाबले जो सिर्फ hype या sensationalism से चलीं वे जल्दी फीकी पड़ गई।
BeInCrypto से बातचीत में इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने यही राय दी: इंटीग्रेशन और कड़ी execution वाली स्टोरी टिक गईं, जबकि सिर्फ नयापन दिखाने वाले नैरेटिव धीरे-धीरे आउट हो गए।
भले ही नैरेटिव्स के ऑप्शन काफी रहे, stablecoins हमेशा सबसे ज्यादा चर्चा में रहे।
क्रिप्टो का मुख्य यूज़ केस बने stablecoins
Stablecoins ने जोखिम लेने वाले क्रिप्टो यूज़र्स और those users को जो ज्यादा safe exposure चाहते हैं—इनके बीच की दूरी कम कर दी। क्योंकि क्रिप्टो स्पेस को अभी तक वोलैटिलिटी से जोड़ा जाता था।
जैसे US डॉलर या गोल्ड जैसी एसेट्स से लिंक रहकर, stablecoins ने खुद को बाकि डिजिटल एसेट्स के मुकाबले ज्यादा भरोसेमंद साबित किया है। इनका बॉर्डरलेस नेचर भी इन्हें fiat करेंसी के मुकाबले ज्यादा आकर्षक विकल्प बनाता है।
रूल मेकिंग में उपलब्धियों, जैसे कि GENIUS Act पास होना stablecoins में भरोसा और मजबूत करता है। इसकी वजह से इनकी यूटिलिटी और infrastructure efficiency अपनेदम पर खड़ी हो सकी।
“Stablecoins ने रोजमर्रा की एक बड़ी समस्या सॉल्व की है: पैसा ट्रांसफर और सैटल करना अब काफी जल्दी, हर जगह और कम खर्च में हो गया है। इसकी वजह से यूज़र्स को digital dollars और euros मिल जाते हैं, खासकर उन जगहों पर जहां बैंकिंग एक्सेस मुश्किल, महंगी या अनरिलाएबल है,” Brickken के CEO Edwin Mata ने कहा।
इसका असर वाकई ठोस रहा, क्योंकि Stripe और Visa ने stablecoins को अपने सैटलमेंट और ट्रेजरी ऑपरेशंस में इंटीग्रेट किया। वहीं, Circle ने बिजनेस को USDC को वर्किंग कैपिटल की तरह इस्तेमाल करने का मौका दिया, न कि सिर्फ एक speculative एसेट की तरह।
Stablecoins अब डिपेंडेबल सैटलमेंट टूल बन चुके हैं, जिससे tokenized real-world assets (RWA) का एक्सपैंशन मुमकिन हुआ।
Tokenization अब पायलट प्रोग्राम्स से आगे बढ़ी
SynFutures की CEO Rachel Lin के अनुसार, real world asset (RWA) ने ट्रेडिशनल फाइनेंस और क्रिप्टो के बीच की दूरी को कम किया है। हालांकि, यह प्रक्रिया पूरी तरह से व्यापक नहीं रही।
RWA की सफलता उतनी वाइड नहीं थी, जितनी पहले सोची गई थी।
“Tokenized treasuries, फंड्स और यील्ड प्रोडक्ट्स में असली प्रगति दिखी क्योंकि इनसे उपयोगकर्ताओं को बेनिफिट मिले: बेहतर सेटलमेंट, कंपोज़ेबिलिटी और ज्यादा एक्सेस,” Lin ने BeInCrypto को बताया। उन्होंने आगे कहा, “2025 ने यह भी साफ किया कि RWA उसी समय काम करते हैं, जब लीगल क्लैरिटी, लिक्विडिटी और क्रेडिबल issuers मौजूद हों। अब फोकस एक्सपेरिमेंटेशन से execution की तरफ गया है, लेकिन अभी यह शुरुआती फेज़ में है।”
इस बात के प्रूफ भी मिलते हैं क्योंकि बड़े बैंक और एसेट मैनेजर्स efficiency बढ़ाने के लिए tokenization को अपना रहे हैं। इसी हफ्ते JPMorgan ने Ethereum पर एक tokenized मनी मार्केट फंड लॉन्च किया, जो सिर्फ इंटरनल ट्रायल्स या पायलट प्रोग्राम तक सीमित नहीं है।
इस बीच, BlackRock जैसे asset managers ने tokenized फंड्स की रेंज बढ़ाई, तो वहीं बैंक stablecoin को ट्रेजरी और सेटलमेंट वर्कफ्लोज़ में integrate कर रहे हैं।
एक और नया नैरेटिव, जिसने इंडस्ट्रीज़ में, खासकर क्रिप्टो सेक्टर में ध्यान खींचा, वह था artificial intelligence (AI)।
AI ने कहां दिखाया असरदार फायदा
शुरुआती AI hype इस डर पर बनी थी कि ऑटोनोमस एजेंट्स इंसान के डिसीजन मेकिंग को रिप्लेस कर देंगे, लेकिन यह नैरेटिव जल्दी ही धीमा पड़ गया।
अंत में ज्यादा फोकस इस बात पर गया कि AI यूज़र एक्सपीरियंस को कैसे बेहतर बना सकता है ताकि लोग अपनी exposure समझ सकें और रिस्क मैनेज कर सकें।
“AI ने अपने असली वैल्यू वहीं दिखाई, जहां उसने cognitive और ऑपरेशनल कॉम्प्लेक्सिटी को कम किया—खासकर ट्रेडिंग इंटरफेस, रिस्क कंट्रोल्स और decision सपोर्ट में। जिन प्रोडक्ट्स ने AI का यूज़ कर यूज़र्स को exposure समझने, execution ऑटोमेट करने या महंगी गलतियों से बचाने में मदद की, उनमें रियल इंप्रूवमेंट देखा गया,” Lin ने समझाया।
AI agents की बढ़ती पॉपुलैरिटी ने भी काफी चर्चा बटोरी, हालाँकि पूरे साल उनकी expectations माइंडफुल रहीं।
इनकी सफलता ऑटोनॉमी पर कम, और ट्रस्ट, ऑडिटेबिलिटी, और यूज़र-डिफाइंड लिमिट्स पर ज्यादा निर्भर थी। लिक्विडिटी मैनेजमेंट, ऑटोमेटेड स्ट्रैटेजी एक्जीक्यूशन और ट्रेजरी ऑप्टिमाइज़ेशन जैसे यूज केस में अच्छा पोटेंशियल तब देखने को मिला, जब गार्डरेल्स क्लियर थे।
हालांकि, जैसे-जैसे AI क्रिप्टो प्रोडक्ट्स में गहराई से एम्बेड होता गया, वैसे-वैसे डेटा एक्स्पोजर को लेकर पुरानी चिंताओं ने भी जोर पकड़ा।
AI और क्रिप्टो का यह मेल, प्राइवेसी को सीमित चिंता से सीधा 2025 की मेन स्टोरी बना गया।
अब Privacy को टालना मुमकिन नहीं
प्राइवेसी 2025 में क्रिप्टो की सबसे अहम स्टोरी में से एक बनकर उभरी। इसका कारण फाइनेंशियल सिस्टम द्वारा यूजर जानकारी और बिहेवियर को उजागर करने की बढ़ती जागरूकता थी।
इसका नतीजा यह हुआ कि डेटा विज़िबिलिटी से जुड़ी पुरानी चिंताएं एक बार फिर सामने आ गईं। साथ ही, पहले जहां प्राइवेसी को सिर्फ एक विशेष पसंद के तौर पर देखा जाता था, अब वह एक स्ट्रक्चरल जरूरत के रूप में सामने आ रही है।
“इंडस्ट्री में अब तक का सबसे बड़ा नैरेटिव शिफ्ट इसी साल हुआ, जब लोगों ने महसूस किया कि अपने पैसों के लिए सिंपल और आसान प्राइवेसी की कितनी जरूरत (और मार्केट डिमांड) है,” Seth for Privacy, Vice President, Cake Wallet ने BeInCrypto को बताया।
Monero का बढ़ता इस्तेमाल, Zcash पर ग्लोबल मीडिया अटेंशन और stablecoin व Layer 2 नेटवर्क्स पर प्राइवेसी फीचर्स की ओर बढ़ता ट्रेंड इस बदलाव को मजबूती दे रहे हैं।
“यह सब क्रिप्टो यूज़र्स की सबसे बड़ी painpoint सॉल्व करता है – मैं किस तरह फाइनेंशियल सिस्टम या कैश में जो प्राइवेसी लेवल अनुभव करता हूं, उसे डिसेंट्रलाइजेशन और क्रिप्टो की पॉवर के साथ बनाए रखूं?” Seth ने आगे कहा।
पिछले साल की दूसरी सफल स्टोरीज के साथ-साथ प्राइवेसी सॉल्यूशंस का उभरना यह दिखाता है कि क्रिप्टो एडॉप्शन अब मुख्य रूप से यूटिलिटी पर ही निर्भर करता है।
जैसे-जैसे क्रिप्टो mature होता जा रहा है, उसकी सफलता इसका शोर या प्रमोशन नहीं, बल्कि यह साबित करेगा कि वह कितनी reliability से काम करता है।