Bitcoin ने मंगलवार को US ट्रेडिंग आवर्स में सिर्फ दो घंटे के अंदर लगभग $91,000 से बढ़कर $94,000 के ऊपर का स्तर छू लिया, जिससे कई ट्रेडर्स हैरान रह गए। जहां कुछ लोगों ने इस अचानक हुई रैली का जश्न मनाया, वहीं कुछ लोगों ने इसे मार्केट manipulation का क्लासिक उदाहरण बताते हुए रेड फ्लैग्स उठाए।
सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि इस तेजी के पीछे कोई फंडामेंटल कारण नजर नहीं आया।
कोई कैटलिस्ट नहीं, फिर भी मिनटों में करोड़ों का फ्लो
क्रिप्टो ट्रेडर Vivek Sen ने बताया कि इतने बड़े प्राइस मूवमेंट को जस्टिफाई करने के लिए कोई बड़ा न्यूज़ या अनाउंसमेंट नहीं था। इस तरह कोई बड़ा कैटेलिस्ट न होने से ये अटकलें लगने लगी हैं कि यह मूव नैचुरल न होकर प्लानिंग के तहत किया गया है।
ऑन-चेन एनालिस्ट्स ने बहुत जल्दी अनयूज़ुअल ट्रेडिंग पैटर्न्स नोटिस किए। DeFi रिसर्चर DeFiTracer के अनुसार, मार्केट मेकर Wintermute ने इस स्पाइक के दौरान सिर्फ एक घंटे में $68 मिलियन का Bitcoin खरीद लिया। एक और एनालिस्ट DefiWimar का कहना है कि Coinbase, BitMEX और Binance जैसी कई बड़ी कंपनियों ने मिलकर काफी बड़े-बड़े कॉर्डिनेटेड खरीदारी की, जिससे यह पूरी एक्टिविटी कॉर्डिनेटेड manipulation लगती है।
वेटरन ट्रेडर NoLimitGains ने बताया कि ये प्राइस मूवमेंट आर्टिफिशियल लगने के कई कारण हैं। उन्होंने कुछ खास वॉर्निंग साइन गिनाए: पतले ऑर्डर बुक्स, जिससे प्राइस को ऊपर ले जाना सस्ता हो गया, कुछ ही मिनट्स में बड़ी-बड़ी मार्केट बाइंग्स होना और शुरुआती स्पाइक के बाद कोई फॉलो-थ्रू न होना। उनका कहना है कि असली बुलिश मूव्स स्ट्रक्चर बनाते हैं, जबकि मैनिपुलेटेड मूव्स में ट्रैप्स बनते हैं।
दोनों ओर के ट्रेडर्स का liquidation, liquidity hunting का क्लासिक संकेत
सबसे मज़बूत दलील “लिक्विडिटी हंटिंग” पर आकर टिकती है, जिसमें बड़े ट्रेडर्स जानबूझकर प्राइस को इस तरह पुश करते हैं कि जबरदस्ती लिक्विडेशन हो सके।
जब ट्रेडर्स leveraging में पोजीशन ओपन करते हैं, तो वह ऐसी प्राइस सेट करते हैं, जहां मार्केट उनके खिलाफ जाता है तो उनकी पोजीशन ऑटोमेटिकली क्लोज हो जाती है। ये लीकेविडेशन लेवल्स हमेशा एक खास प्राइस पॉइंट पर एकत्रित हो जाते हैं, जिससे बड़े ट्रेडर्स इन liquidity पूल्स को टारगेट कर सकते हैं। Bitcoin का प्राइस अचानक ऊपर धकेलकर, ऐसे बड़े प्लेयर्स शॉर्ट लिक्विडेशन की चेन रिएक्शन ट्रिगर कर सकते हैं – जिससे बियरिश ट्रेडर्स को अपने शॉर्ट पोजीशन खरीदकर कवर करने पड़ते हैं वो भी बहुत खराब प्राइस पर। ये जबरदस्ती की बाइंग रैली को और तेज़ कर देती है, और मैनिपुलेटर्स इसी आर्टिफिशियल डिमांड में अपनी होल्डिंग्स बिकवा देते हैं।
ट्रेडर Orbion ने इस डायनामिक को हाइलाइट किया, जिसमें देखा गया कि एक ही दिन में $70 मिलियन की लॉन्ग लिक्विडेशन और फिर $61 मिलियन की शॉर्ट लिक्विडेशन हुई—यानि कुछ ही घंटों में दोनों पक्ष का सफाया हो गया।
NoLimitGains ने चेतावनी दी कि इतिहास में ऐसे वर्टिकल स्पाइक्स आमतौर पर तेजी से वापस गिर जाते हैं। फंडिंग रेट्स में तेज़ उछाल और ओपन इंटरेस्ट के तेज़ी से बढ़ने के कारण वार्निंग साइन साफ़ दिख रहे थे। उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह की सेटअप से मालूम होता है कि बड़े प्लेयर्स रिटेल एक्साइटमेंट में सेल-ऑफ़ के लिए पोजीशन बना रहे हैं।
हर कोई इसे manipulation नहीं मानता
हालांकि, सभी एनालिस्ट्स इस मैनिपुलेशन थ्योरी से सहमत नहीं हैं। ऑन-चेन एनालिस्ट Darkfost ने अमेरिका की जॉब्स डाटा को एक असली कैटेलिस्ट बताया, जो लगभग उसी समय रिलीज़ हुआ था। अक्टूबर के लिए JOLTS जॉब ओपनिंग्स 7.67 मिलियन आई—जो 7.0 मिलियन की फोरकास्ट से कहीं ज्यादा थी—वहीं ADP की साप्ताहिक एम्प्लॉयमेंट फिगर में हफ्तों की गिरावट के बाद पॉजिटिव बदलाव आया।
उन्होंने नोट किया कि डेटा रिलीज़ होने के तुरंत बाद Bitcoin लगभग 4% बढ़ गया। FOMC मीटिंग नजदीक आने और रेट कट की उम्मीद के साथ, Darkfost का मानना है कि मैक्रो बैकड्रॉप ने रिस्क असेट्स को सच्ची मजबूती दी, जिससे ये रैली फंडामेंटल्स के कारण हो सकती है, बेईमानी के कारण नहीं।
11:30 UTC के अनुसार, Bitcoin अपने हाई से पीछे हट चुका था और $92,500 के करीब ट्रेड हो रहा था।