Bitcoin ने एकदम तेज़ी से $94,000 के ऊपर ब्रेकआउट किया है, जिससे $88,000 और $92,000 के बीच पिछले कई दिनों से चल रही फ्लैट ट्रेडिंग का सिलसिला खत्म हो गया।
यह ब्रेकआउट 9 दिसंबर को अचानक आया और कुछ ही मिनटों में प्राइस ने उस रेंज को पार कर लिया, जिसने मार्केट को लगभग एक हफ्ते तक रोके रखा था।
Whale accumulation और शॉर्ट-साइड लिक्विडेशन से ब्रेकआउट
ट्रेडिंग डेटा से पता चलता है कि रैली शुरू होने से पहले एक घंटे के भीतर बड़े इंस्टीट्यूशनल और एक्सचेंज से जुड़े वॉलेट्स में हैवी इनफ्लो हुआ।
कई हाई-वॉल्यूम कस्टोडियल एड्रेस ने थोड़े समय में हज़ारों BTC जमा किए, जिससे यह इंडीकेट होता है कि डीप लिक्विडिटी वाले बायर्स ने पहले कदम उठाया, उसके बाद मार्केट में शॉर्ट सेलर्स फंस गए।
ब्रेकआउट की रफ्तार दिखाती है कि जैसे ही डिमांड ने रेंज रेसिस्टेंस को पार किया, ऑर्डर बुक्स में तेज़ी से लिक्विडिटी कम हो गई। इसके बाद मार्केट स्ट्रक्चर में फौरन बदलाव आया और शॉर्ट्स को कवर करने के दबाव में मोमेंटम बिल्ड हो गया।
लिक्विडेशन डेटा कन्फर्म करता है कि फ्यूचर्स मार्केट ने इस मूव को आक्रामक तरीके से अब्ज़ॉर्ब किया। बीते 12 घंटे में कुल 300 मिलियन $ से ज्यादा का क्रिप्टो लिक्विडेशन हुआ, जिसमें अकेले Bitcoin का हिस्सा 46 मिलियन $ से ज्यादा और Ethereum का 49 मिलियन $ से ऊपर था।
ज्यादातर लिक्विडेशन शॉर्ट पोजीशंस के हुए, जिससे साफ है कि यह मूव क्लासिक शॉर्ट-कट सर्फिंग थी, न कि कोई धीरे-धीरे बनती ट्रेंड।
जैसे ही लगातार स्टॉप ट्रिगर हुए, प्राइस वर्टिकली तेज़ी से बढ़ा और सामने कोई काउंटर-सप्लाई देखने को नहीं मिली।
यह रैली US Office of the Comptroller of the Currency की नई पॉलिसी अपडेट के बाद आई है, जिसमें बैंक को रिक्स-फ्री प्रिंसिपल क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस करने की मंजूरी दी गई है। इस फैसले से रेग्युलेटेड इंस्टिट्यूटशंस अब सीधे असेट होल्ड किए बिना क्रिप्टो फ्लो को इंटरमीडिएट कर सकते हैं।
इस बदलाव से इंस्टीट्यूशनल एडॉप्शन की संभावना बढ़ गई है और ठीक ब्रेकआउट के कुछ घंटे पहले यह अपडेट आने से निवेशकों को पोजिशनिंग के लिए प्रोत्साहन मिला।
Federal Reserve की रेट डिसिजन जल्द आने वाली है, ऐसे में ट्रेडर्स को उम्मीद है कि अगर रेट कट का ऐलान हुआ, तो लिक्विडिटी कंडीशंस आसान हो सकती हैं।
Bitcoin अभी भी इंट्राडे हाईज़ के नजदीक ट्रेड कर रहा है और वोलैटिलिटी भी ज्यादा है। डेरिवेटिव्स में फंडिंग रीसेट हो रही है। मार्केट की नजर इस पर होगी कि FOMC अनाउंसमेंट तक डिमांड बनी रहती है या फिर टॉप लेवल्स पर प्रॉफिट बुकिंग से मोमेंटम कम हो जाता है।