बेस्टसेलिंग लेखक Robert Kiyosaki का कहना है कि 2025 के अंत तक Bitcoin का वैल्यू दोगुना हो सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि मार्केट परफॉर्मेंस में निवेशकों की मानसिकता और इमोशनल इंटेलिजेंस (EQ) बहुत अहम होती है.
Kiyosaki ने घाटे और फायदे को देखने के नजरिए का फर्क बताया. उनका मानना है कि अपनी इमोशनल रिएक्शन समझना, निवेश के नतीजों को काफी प्रभावित कर सकता है.
निवेशक मानसिकता और Bitcoin की वृद्धि
Robert Kiyosaki, “Rich Dad Poor Dad” के लेखक, ने X पर बताया कि उनके Bitcoin holdings हाल के सालों में काफी बढ़े हैं. जब दूसरे लोग शॉर्ट-टर्म घाटे पर ध्यान दे रहे थे, Kiyosaki ने कहा कि कुल मिलाकर मुनाफा काफी बड़ा है.
उन्होंने कहा, “हालाँकि मेरी Coinbase दिखा रही थी कि मेरे पास Bitcoin में कई मिलियन हैं, मेरा दोस्त सिर्फ यह देख रहा था कि मेरे अकाउंट की वैल्यू कितनी घटी है — कई $100 हज़ार.”
Kiyosaki ने इन्वेस्टिंग के साइकोलॉजिकल पहलू पर जोर दिया. उनका कहना है कि इमोशनल इंटेलिजेंस, यानी EQ, फाइनेंशियल डिसीजन में अक्सर पारंपरिक IQ से ज्यादा मायने रखती है. वे कहते हैं कि कई हाईली-एजुकेटेड लोग दौलत नहीं बना पाते क्योंकि डर उनकी आर्थिक पसंद पर हावी रहता है.
उन्होंने कहा, “Losers अमीर बनने से ज्यादा हारने से डरते हैं.” इसी नजरिए से 2025 के लिए Bitcoin पर उनका बुलिश outlook बनता है, जिसमें वे $200,000 का संभावित पीक देखते हैं.
समर्थकों और आलोचकों की राय
Kiyosaki के कमेंट्स पर क्रिप्टो कम्युनिटी में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं. कुछ समर्थकों ने उनके लॉन्ग-टर्म विज़न और इमोशनल डिसिप्लिन पर फोकस को सही माना.
एक X यूज़र ने लिखा, “Winners zoom out. Losers zoom in. EQ beats IQ every time, ज़्यादातर लोग वोलैटिलिटी सह नहीं पाते, इसलिए वे लो पर gold और silver बेच देते हैं और एक जनरेशन की रीवैल्यूएशन मिस कर देते हैं.”
यह सोच बताती है कि धैर्यवान और मनोवैज्ञानिक रूप से जागरूक निवेशक, मार्केट की उतार-चढ़ाव से फायदा उठा सकते हैं.
वहीं, आलोचकों ने Kiyosaki के बयानों में छोटी-छोटी गलतियों की ओर इशारा किया और उत्साह थोड़ा कम रखने को कहा.
एक और X यूज़र ने लिखा, “Cool Story लेकिन अगर आपके फोन में Coinbase इंस्टॉल होती, तो आपको पता चलता कि इसे ‘coin base’ नहीं लिखा जाता.”
एक अन्य X यूज़र ने पहले आलोचना की थी कि Kiyosaki अक्सर गलत प्रेडिक्शन्स करते रहे हैं। एक Reddit पोस्ट में लगभग 20 साल का S&P 500 Index का ग्राफ भी दिखाया गया है, जिसमें उनके गलत पड़े प्रेडिक्शन्स को चिन्हित किया गया है।
मार्केट के असर और निवेशकों के लिए अहम बातें
वित्तीय विश्लेषक मानते हैं कि Kiyosaki का प्रेडिक्शन कुछ इन्वेस्टर सर्कल्स की व्यापक पॉजिटिविटी से मेल खाता है, हालांकि मार्केट वोलैटिलिटी अभी भी चिंता बनी हुई है। Bitcoin ने इतिहास में बड़े स्विंग्स देखे हैं, जिन पर रेग्युलेटरी डेवलपमेंट्स, मैक्रो आर्थिक हालात और इन्वेस्टर सेंटीमेंट का असर रहा है।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मार्केट साइकोलॉजी को समझना जरूरी है। Behavioral finance स्टडीज़ बताती हैं कि नुकसान का डर (loss aversion) और भय, सिर्फ फंडामेंटल एनालिसिस से ज्यादा, डिसीज़न-मेकिंग को प्रभावित कर सकते हैं। Kiyosaki का EQ पर फोकस दिखाता है कि इन्वेस्टर्स को इमोशन और स्ट्रेटेजी में बैलेंस रखना चाहिए। प्रैक्टिकली, मतलब है कि अस्थायी गिरावट को पहचानें, लेकिन डर के कारण इम्पल्सिव फैसले न लें।