Bitcoin ने Bulls और Bears दोनों को काफी समय से परेशान किया हुआ है। अभी इसकी प्राइस $85,000 और $90,000 के बीच ही घूम रही है, और कोई क्लियर ब्रेकआउट नजर नहीं आ रहा। इसकी वजह ना तो खरीदारों की कमी है और ना ही मैक्रोइकोनॉमिक दिक्कतें — इसका कारण है ऑप्शन मार्केट।
डेरिवेटिव्स डेटा से पता चलता है कि डीलर gamma exposure, मैकेनिकल हेजिंग फ्लो के जरिए फिलहाल स्पॉट प्राइस की वोलैटिलिटी को कंट्रोल कर रहा है। इसी वजह से Bitcoin एक सीमित रेंज में फंसा हुआ है। लेकिन यह जो ताकतें प्राइस को रोके हुए हैं, ये 26 दिसंबर को खत्म होने वाली हैं।
Gamma Flip लेवल
इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में ट्रेडर्स एक लेवल को “gamma flip” कहते हैं, जो अभी करीब $88,000 पर है।
इस थ्रेशोल्ड से ऊपर, शॉर्ट gamma पोजिशन होल्ड करने वाले मार्केट मेकर्स को अपनी डेल्टा न्यूट्रैलिटी बनाये रखने के लिए रैलियों में बेचने और डिप में खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस बिहेवियर के कारण वोलैटिलिटी कम हो जाती है और प्राइस वापस बीच की रेंज की ओर चली जाती है।
अगर प्राइस gamma flip लेवल से नीचे जाती है, तो मैकेनिज्म उलट जाता है। डीलर्स प्राइस मूवमेंट के साथ-साथ हेज करते हैं जिससे सेलिंग प्रेशर और वोलैटिलिटी दोनों बढ़ जाती है।
$90K पर फिर से रेजेक्शन, $85K बना हुआ है सपोर्ट
$90,000 का लेवल बार-बार सीलिंग की तरह काम कर रहा है। इसकी वजह है इस लेवल पर कंसंट्रेटेड कॉल ऑप्शन पोजिशनिंग।
डीलर्स $90,000 स्ट्राइक पर काफी ज्यादा कॉल ऑप्शन में शॉर्ट हैं। जैसे ही स्पॉट प्राइस इस लेवल के पास पहुंचती है, उन्हें अपने एक्सपोजर के लिए Bitcoin बेचना पड़ता है। दिखने में अलग लगे, लेकिन ये सेल प्रेशर डेरिवेटिव्स की हेजिंग की वजह से फोर्स्ड सप्लाई है।
हर बार जब भी प्राइस $90,000 की ओर जाती है, तो यही हेजिंग फ्लो ट्रिगर हो जाता है, इसी वजह से हर ब्रेकआउट कोशिश विफल हो जाती है।
नीचे की ओर, $85,000 का लेवल सपोर्ट की तरह काम कर रहा है, वही मैकेनिज्म यहां उल्टा हो जाता है।
इस स्ट्राइक पर हैवी पुट ऑप्शन पोजिशनिंग होने के कारण जब प्राइस इस लेवल के पास जाती है तो डीलर्स को स्पॉट Bitcoin खरीदना पड़ता है। इस फोर्स्ड डिमांड की वजह से सेलिंग प्रेशर अब्जॉर्ब हो जाता है और प्राइस गिरने से रुक जाती है।
आखिरकार मार्केट ऊपर से स्टेबल दिख रही है लेकिन असल में ये अलग-अलग हेजिंग फ्लो के कारण आर्टिफिशियल बैलेंस में है।
Futures Liquidations से रेंज मजबूत हुई
ये ऑप्शन-ड्रिवन रेंज अकेले नहीं चल रही। Coinglass की लिक्विडेशन हीटमैप डेटा दिखाती है कि लीवरेज्ड फ्यूचर्स पोजिशन भी इन्हीं प्राइस लेवल्स के आसपास क्लस्टर हो गई हैं, जिससे $85K-$90K की रेंज और मजबूत बनी हुई है।
$90,000 से ऊपर, बहुत सारे शॉर्ट लिक्विडेशन लेवल्स जमा हो गए हैं। अगर प्राइस इस सीमा को ब्रेक करता है, तो फोर्स्ड शॉर्ट कवरिंग से खरीद के ऑर्डर्स की बाढ़ आ सकती है। इसके उलट, लॉन्ग लिक्विडेशन लेवल्स $86,000 से नीचे हैं, इसका मतलब है कि अगर प्राइस नीचे टूटता है तो लीवरेज्ड लॉन्ग्स जब स्टॉप होते हैं, तो गिरावट तेज हो जाएगी। इस समय, ऑप्शंस डीलर्स का हेजिंग और फ्यूचर्स लिक्विडेशन मेकेनिज़्म एक लाइन में आ गया है, जिसकी वजह से Bitcoin अभी की रेंज में फंसा हुआ है और प्राइस पर डबल स्ट्रक्चरल प्रेशर बना हुआ है।
Options ट्रैप आने वाला है
26 दिसंबर की ऑप्शंस एक्सपायरी Bitcoin की हिस्ट्री की सबसे बड़ी एक्सपायरी बनने वाली है, जिसमें लगभग $23.8 बिलियन का नोशनल वैल्यू रोल ऑफ होगा।
तुलना के लिए, सालाना एक्सपायरी 2021 में करीब $6.1 बिलियन, 2023 में $11 बिलियन और 2024 में $19.8 बिलियन पर थी। इतनी तेज़ ग्रोथ ये दिखाती है कि इंस्टिट्यूशनल प्लेयर्स की भागीदारी Bitcoin डेरिवेटिव्स मार्केट में बढ़ रही है।
एनालिस्ट NoLimitGains के मुताबिक, इस एक्सपायरी के बाद करीब 75% मौजूदा गामा प्रोफाइल खत्म हो जाएगा। $85K-$90K रेंज में प्राइस को पिन कर रहा मैकेनिकल फोर्स, बेसिकली गायब हो जाएगा।
Dealer Gamma का दबदबा, ETF फ्लो कमजोर
अभी डीलर हेजिंग की एक्टिविटी इतनी ज्यादा है कि स्पॉट मार्केट की डिमांड दब गई है। एनालिस्ट्स के डेटा के अनुसार, डीलर गामा एक्सपोजर लगभग $507 मिलियन है, जबकि डेली ETF ट्रेडिंग सिर्फ $38 मिलियन है — यानी रेश्यो लगभग 13:1 है।
इस असंतुलन की वजह से ही Bitcoin ने किन्हीं भी बुलिश कारणों को इग्नोर किया है। जब तक डेरिवेटिव्स का असर खत्म नहीं होता, तब तक डीलर्स के हेजिंग का मैथ्स इंस्टिट्यूशनल एडॉप्शन की स्टोरी से कहीं ज्यादा प्रभावशाली है।
अब आगे क्या
जैसे ही 26 दिसंबर की एक्सपायरी खत्म होगी, यह सपरेशन मैकेनिज्म खत्म हो जाएगा। इसका मतलब ये नहीं है कि प्राइस एक ख़ास दिशा में ही जाएगा — सिर्फ इतना है कि Bitcoin अब आज़ाद होकर मूव कर सकता है।
अगर Bulls $85,000 का सपोर्ट एक्सपायरी के दौरान सक्सेसफुली डिफेंड कर लेते हैं, तो $100,000 लेवल की तरफ़ ब्रेकआउट स्ट्रक्चरल रूप से संभव है। विपरीत रूप से, अगर लो-गामा एनवायरनमेंट में प्राइस $85,000 के नीचे जाता है तो डाउनसाइड तेजी से आ सकती है।
ट्रेडर्स को 2026 की शुरुआत में बढ़ी हुई वोलैटिलिटी के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि नई पोजिशनिंग बन रही होगी। पिछले कुछ हफ्तों की रेंज-बाउंड प्राइस मूवमेंट शायद डेरिवेटिव्स के मैकेनिज्म की वजह से थी, ना कि मार्केट की माकूल सोच का इशारा है।