Charles Schwab की योजना 2026 में स्पॉट क्रिप्टो ट्रेडिंग लॉन्च करने की है, जो एक प्रमुख US ब्रोकरेज से सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक के रूप में आकार ले रही है।
कंपनी, जो $12 ट्रिलियन से अधिक क्लाइंट एसेट्स की देखभाल करती है, आंतरिक परीक्षण और सीमित पायलट चरण के बाद अपने प्लेटफॉर्म्स पर Bitcoin और Ethereum ट्रेडिंग की पेशकश करने का इरादा रखती है।
Charles Schwab मुख्यधारा के निवेशकों को क्रिप्टो में लाएगा
Schwab की एंट्री यह दर्शाती है कि कैसे पारंपरिक ब्रोकर्स डिजिटल एसेट्स को अपनाने का नजरिया बदल रहे हैं। कंपनी पहले से क्रिप्टो-थीमैटिक ETFs के माध्यम से अप्रत्यक्ष एक्सपोजर प्रदान करती है, लेकिन स्पॉट ट्रेडिंग क्रिप्टोकरेंसीज को स्टॉक्स, बॉन्ड्स और रिटायरमेंट अकाउंट्स के समान वातावरण में लाती है।
यह मुख्यधारा के निवेशकों के लिए क्रिप्टो को एक्सेस करने के तरीके को बदल सकता है।
घोषणा यह भी इंगित करती है कि निवेशकों की गतिविधियों को कंसोलिडेट करने की रणनीतिक कोशिश है। लाखों Schwab ग्राहक वर्तमान में पारंपरिक एसेट्स रखते हैं और क्रिप्टो के लिए बाहरी एक्सचेंज का उपयोग करते हैं।
इन फंक्शंस को एक अकाउंट के तहत लाने से फ्रिक्शन कम होता है और एसेट क्लासेस में Schwab की पकड़ मजबूत होती है।
इस बीच, एक अन्य US वित्तीय दिग्गज, Vanguard ने भी पिछले सप्ताह क्रिप्टो में अपने विस्तार की घोषणा की।
एक नई कॉम्पिटिटिव खतरा
Schwab की यह पहल US क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए एक संरचनात्मक चुनौती पेश करती है। यह ब्रोकरेज जीरो-कमीशन स्टॉक और ETF ट्रेडिंग के लिए जाना जाता है।
यदि यह क्रिप्टो पर भी वही लो-फीस एप्रोच अपनाता है, तो यह Coinbase और Kraken जैसी कंपनियों के कोर रेवेन्यू मॉडल को प्रभावित कर सकता है।
क्रिप्टो एक्सचेंज मुख्यत: ट्रेडिंग फीस पर निर्भर होते हैं। Coinbase की रिटेल फीस अक्सर 1% से अधिक होती है, और यहां तक कि एडवांस प्लेटफॉर्म्स भी 0.60% तक चार्ज करते हैं।
Schwab इस से काफी कम प्राइसिंग कर सकता है क्योंकि यह विभिन्न चैनलों से रेवेन्यू जनरेट करता है, जिसमें इंटरेस्ट इनकम, एडवाइजरी सर्विसेज और ऑर्डर एग्जीक्यूशन शामिल हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज के पास ऐसी डायवर्सिफिकेशन नहीं होती।
इसके अलावा, Schwab एक ऐसा रेग्युलेटरी वातावरण प्रदान करता है जिसे एक्सचेंज मैच नहीं कर सकते हैं। क्लाइंट एसेट्स दीर्घकालिक SEC और FDIC सुपरवाइजरी फ्रेमवर्क के अंतर्गत आते हैं।
यह संस्थानिक विश्वास कई रिटेल और बड़े निवेशकों को आकर्षित करता है जो विशेष क्रिप्टो प्लेटफार्मों के प्रति सतर्क रहते हैं।
ETFs के कारण प्राइस दबाव बढ़ा
फीस दबाव इसलिए भी बढ़ता है क्योंकि निवेशक पहले से ही Schwab और अन्य ब्रोकरेज पर Bitcoin ETFs को मुफ्त में ट्रेड कर सकते हैं।
इन ETFs के भी बहुत ही तंग स्प्रेड होते हैं, अक्सर 1-2 बेसिस पॉइंट्स के आसपास। Schwab को सीधे क्रिप्टो ट्रेडिंग को जायज़ ठहराने के लिए, यह अत्यंत कम फीस ऑफर करनी होगी जो लगभग मुफ्त ETF निष्पादन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।
प्रत्यक्ष रखरखाव का अब भी फायदा है क्योंकि यह ETF व्यय अनुपात से बचाता है। हालांकि, यह लाभ तभी मायने रखता है जब ट्रेडिंग लागतें कम बनी रहें। यह गतिशीलता Schwab को आक्रामक मूल्य निर्धारण की ओर धकेलती है और, विस्तार से, एक्सचेंजों को जवाब देने के लिए मजबूर करती है।
US क्रिप्टो मार्केट्स के लिए नया दौर
Schwab की एंट्री यह दर्शाती है कि पारंपरिक वित्त कैसे डिजिटल एसेट क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है। यह क्रिप्टो-नेतिक फर्मों पर मूल्य, विश्वास, और प्रोडक्ट-एक्सेस का दबाव डालता है, जब मार्केट पहले से ही रेग्युलेटेड संरचनाओं की ओर बढ़ रहे हैं।
पूरा प्रभाव Schwab के अंतिम फीस मॉडल और कस्टडी डिज़ाइन पर निर्भर करता है।
फिर भी शुरुआती संकेत बताते हैं कि आगे महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक दबाव होगा, विशेषकर उन एक्सचेंजों के लिए जो रिटेल ट्रेडिंग स्प्रेड पर निर्भर हैं।