क्रिप्टो मार्केट अभी भी अक्टूबर में आई भारी गिरावट से पूरी तरह उबर नहीं पाया है, जिससे व्यापक नुकसान और बड़े पैमाने पर लिक्विडेशन हुए थे।
रेपो रेट कट, लिक्विडिटी इंजेक्शन और गिरता हुआ US dollar index (DXY) जैसे पॉजिटिव कारणों के बावजूद, Bitcoin या बाकी मार्केट में अभी तक बुल रन देखने को नहीं मिला है, जिससे मार्केट पार्टिसिपेंट्स के बीच चिंता बढ़ गई है। हालांकि, नए डेटा से पता चलता है कि मार्केट गिरावट के पीछे की एक बड़ी वजह – एक्सेस लीवरेज – अब कम हो रही है।
क्रिप्टो मार्केट में कमजोरी का कारण समझें
अक्टूबर मार्केट क्रैश के दौरान क्रिप्टोकरेन्सी इतिहास का सबसे बड़ा लिक्विडेशन हुआ था। BeInCrypto ने रिपोर्ट किया था कि $19 बिलियन से ज्यादा लीवरेज्ड पोजिशन एक झटके में खत्म हो गईं।
इस घटना को “Crypto Black Friday” नाम दिया गया और बताया गया कि इसकी शुरुआत President Donald Trump द्वारा China पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा से हुई थी। हालांकि, गिरावट का यह सिलसिला मार्केट की और भी गहरी कमजोरी को दिखाता है।
इसके बाद नवंबर में भी लिक्विडेशन की कई लहरें आईं। मार्केट में कई बार लिक्विडेशन $1 बिलियन से ज्यादा तक पहुंचे।
इन गिरावटों की खासियत यह थी कि ये सामान्य कारणों से नहीं जुड़ी थीं। नवंबर के मध्य में, Kobeissi Letter ने नोट किया कि Bitcoin की वैल्यू तब भी गिर रही थी जब President Trump ने अमेरिका को “क्रिप्टो में नंबर वन” बनाने को अपनी टॉप प्रॉयरिटी बताया था।
पोस्ट में बताया गया कि शुरुआती दबाव इंस्टीट्यूशनल ऑउटफ्लो से आया था। एक मीडियम लीवरेज मार्केट में, इस तरह के ऑउटफ्लो से शायद सिर्फ एक लिमिटेड पुलबैक होता, जिससे खरीदार और विक्रेता के बीच अस्थायी अंतर बनता, न कि इतनी तेजी से सेल-ऑफ़ होता।
“समस्या तब आती है जब इन ऑउटफ्लोज़ के दौरान लीवरेज बहुत ज्यादा हो जाती है… एक्सेस लीवरेज के कारण मार्केट हाईपरसेंसिटिव हो जाती है,” Kobeissi Letter ने कहा।
इस लिक्विडेशन से बने सेलिंग प्रेशर ने एक कैसकेडिंग इफेक्ट पैदा किया। हर फोर्स्ड सेलिंग वेव ने प्राइस को और नीचे धकेला, जिससे और लिक्विडेशन्स ट्रिगर हुए, और गिरावट तेज हो गई। इसका परिणाम था, बहुत तेज और तीखी गिरावट।
मार्केट रीसेट और लिवरेज में कमी के संकेत
क्रैश के बाद से मार्केट स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आया है। Coinglass डेटा के मुताबिक, अब Bitcoin का Open Interest काफी तेजी से गिरा है।
Bitcoin के OI में गिरावट का मतलब है कि ट्रेडर्स फ्यूचर्स और परपेचुअल पोजिशन क्लोज़ कर रहे हैं, जिससे ओपन डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की टोटल वैल्यू कम हो रही है। सीधे शब्दों में कहें तो, मार्केट से लीवरेज बाहर हो रही है।
Alphractal ने रिपोर्ट किया कि अगस्त से नवंबर के बीच, Bitcoin ने अपनी हिस्ट्री में सबसे ज्यादा leveraged trades देखे। 19 exchanges पर एक ही दिन में 80 मिलियन तक trades हुए थे। अब ये activity कम हो गई है और 7-day average सिर्फ 13 मिलियन पर आ गया है।
“अक्टूबर में बड़ी liquidation घटना के बाद, मार्केट ने BTC और leverage दोनों के लिए काफी सतर्कता अपनाई है,” पोस्ट में लिखा गया।
जहाँ Bitcoin में deleveraging के साफ संकेत मिल रहे हैं, वहीं Ethereum की स्थिति थोड़ा अलग है। ETH ने 2025 में लगभग 50 मिलियन trades के ऑल-टाइम हाई को छुआ था। साथ ही, इसकी हाल की activity आज भी मजबूत है, और 7-day average 17.5 मिलियन पर बनी हुई है।
इससे साफ होता है कि ट्रेडर्स अब ज्यादा leveraged Bitcoin trades से दूर हो रहे हैं। Analyst NoLimit ने बताया कि altcoins में “excess leverage को हटाया जा रहा है”, जो मार्केट के लिए पॉजिटिव संकेत है।
इस तरह, भले ही मार्केट अभी भी fragile है, लेकिन leverage में गिरावट से ये दिखता है कि मेन structural risks कमजोर हो रहे हैं। अगर ये ट्रेंड जारी रहता है, तो आगे recovery के लिए मार्केट को एक ज्यादा stable बेस मिल सकता है।