Federal Reserve ने ब्याज दरों को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 3.50%–3.75% के टारगेट रेंज में लाया है। मार्केट की उम्मीद के मुताबिक यह कटौती हुई है, लेकिन आगे और कटौती पर कोई स्पष्ट मोमेंटम नहीं दिया गया है।
आज का फैसला एकमत नहीं था, जो पिछले हफ्ते से निवेशकों की सोच में बनी अनिश्चितता को और Strong कर रहा है।
मार्केट की नजर Guidance पर, कट नहीं
FOMC ने यह माना कि नौकरियों की ग्रोथ धीमी हुई है, Q3 के दौरान बेरोजगारी बढ़ी है और 2025 की शुरुआत से मंदी फिर ऊपर जा रही है।
पॉलिसीमेकर्स ने माना कि जॉब मार्केट में रिस्क बढ़ा है, लेकिन अभी लॉन्ग-टर्म कटौती के लिए कोई वादा नहीं किया गया है। आज के स्टेटमेंट में फ्यूचर पॉलिसी का पूरा फोकस डेटा-डिपेंडेंट ट्रैक पर रखा गया है।
कमीटी ने दोहराया कि वह “आने वाले डेटा, बदलती आउटलुक और रिस्क का बैलेंस” देखकर ही आगे कोई बदलाव तय करेगी।
क्रिप्टो ट्रेडर्स के लिए यह स्टांस न्यूट्रल से थोड़ी कांशस है। जब तक कोई फॉरवर्ड कमिटमेंट नहीं है, जनवरी और मार्च अब रेट-पाथ की उम्मीदों के लिए अहम पिवट प्वाइंट होंगे।
यह वही है जैसा प्री-मीटिंग में एनालिस्ट्स ने कहा था: hawkish कट संभव है — यानी अभी easing, लेकिन dove जैसा साफ रोडमैप नहीं।
आगे के संकेत न देने का मतलब है कि Fed लचीलापन चाहता है, खासतौर पर जब inflation को “थोड़ा बढ़ा हुआ” बताया गया है और ग्रोथ को लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है।
Rare split vote से इंटर्नल टेंशन सामने आया
वोटिंग में डिवाइड साफ दिखा। Stephen Miran ने 50-बेसिस-प्वाइंट की बड़ी कटौती चाही, जबकि Austan Goolsbee और Jeffrey Schmid ने पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं चाहा।
ऐसी तीन तरह की मतभेद से साफ है कि आगे अनिश्चितता है। जॉब मार्केट में कमजोरी बढ़ी है, मंदी अब लगातार नीचे नहीं जा रही, और इकोनॉमी को कितनी तेज या धीमी ईजिंग चाहिए, इस पर राय बंटी है।
यह तिहरा मतभेद खास है। इससे पता चलता है कि इकोनॉमी में कितनी “slack” आ रही है — और क्या ईजिंग को तेज किया जाए या रोक दिया जाए। मार्केट इसे इस तरह देखेगा कि अब साइकल पूरी तरह dovish नहीं है।
Balance Sheet की Note जिस पर ध्यान देना जरूरी
Fed ने यह भी ऐलान किया कि जरूरत पड़ने पर वह शॉर्ट-टर्म ट्रेजरी खरीदने के लिए तैयार है, जिससे रिजर्व पर्याप्त रहें — यह साइलेंट लेकिन लिक्विडिटी के लिए जरूरी कदम है। 2026 तक अगर volatility बढ़ी, तो यह स्टेबलाइज करने में मदद करेगा।
आज का यह फैसला वही है जैसा मार्केट्स ने एक्सपेक्ट किया था, लेकिन अब भी कोई रोडमैप नहीं है। टोन अब नपा-तुला, सतर्क और डेटा पर आधारित है, सीधे-सीधे dovish नहीं।
अब जब गाइडेंस ही मेन ड्राइवर है, फोकस सीधे जनवरी पर शिफ्ट हो जाता है। रेट कट हेडलाइन रहा, लेकिन असली रिएक्शन तो फ्यूचर में बनेगा।