स्पेशलाइज़्ड फाइनेंशियल टैलेंट के लिए ग्लोबल मुकाबला तेज हो गया है। बड़े Japanese बैंक्स अब अपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आगे बढ़ाने के लिए PhD और हाई-लेवल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की एक्टिव भर्तियाँ कर रहे हैं। यह बदलाव क्रिप्टो और Bitcoin इकोसिस्टम में स्किल डिमांड के ट्रेंड से भी मेल खाता है।
यह स्ट्रैटेजिक शिफ्ट ट्रेडिशनल फाइनेंस (TradFi) में ग्लोबल FinTech और क्रिप्टो सेक्टर्स के पैरलल ट्रेंड को मिरर करता है और उसे तेज भी करता है, जहाँ 2025 की दूसरी छमाही से हायरिंग तेज़ी से ऐसे इंजीनियर्स की तरफ शिफ्ट हुई है जिनके पास AI, रेग्युलेटेड फाइनेंस और Real World Asset (RWA) tokenization में डीप एक्सपर्टीज है।
TradFi का Structural Pivot: Digital Restructuring के जवाब में
बड़े Japanese फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, जिनमें Mizuho Financial Group और Mitsubishi UFJ Financial Group (MUFG) शामिल हैं, अपने बेसिक हायरिंग मॉडल्स को ओवरहॉल कर रहे हैं। पहले ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंसेज़ ग्रेजुएट्स का दबदबा था। अब ये बैंक्स STEM एक्सपर्टीज को प्रायोरिटी दे रहे हैं—जिसका उदाहरण Mizuho का यह फैसला है कि 2026 intake के लिए PhD वाले नए एम्प्लॉयीज की स्टार्टिंग सैलेरी लगभग $520 (JPY 80,000; बैचलर डिग्री holders को मिले हाइक से चार गुना) बढ़ाई जाएगी।
यह इंटरनल टैलेंट ड्राइव जरूरी है, क्योंकि ट्रेडिशनल बैंकिंग मॉडल physical ब्रांच कॉन्टैक्ट से डिजिटल और physical कन्वर्जेंस की ओर जा रहा है। बैंक्स को एडवांस्ड एनालिटिक्स और AI को हर ऑपरेशन में एम्बेड करना होगा—कॉम्प्लेक्स लेंडिंग, स्क्रीनिंग प्रोसेसेस और जॉइंट वेंचर्स सहित।
साथ ही, साइंस और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को C-suite roles में प्रमोट करके—जिस ट्रेंड को MUFG के President Hironori Kamezawa (मैथमेटिक्स ग्रेजुएट) ने लीड किया, और Sumitomo Mitsui Financial Group (SMFG) ने दोहराया जहाँ लगभग 40% एग्जिक्यूटिव बोर्ड मेंबर्स के पास साइंस या इंजीनियरिंग डिग्री है—Japanese बैंकिंग तेजी से बढ़ती टेक कंपनियों जैसे PayPay (जहाँ 80% सिस्टम डेवलपर्स विदेशी इंजीनियर्स हैं) के मुकाबले अपनी बढ़त सुरक्षित करने के लिए इंटरनल डिजिटल लीडरशिप पर साफ़ दांव लगा रही है।
क्रिप्टो सेक्टर की नई हायरिंग Thesis: AI / RWA पिवट
जहाँ TradFi STEM स्पेशलिस्ट्स का पीछा कर रहा है, वहीं ग्लोबल क्रिप्टो और Web3 इंडस्ट्री ने फोकस संकरा किया है। हायरिंग जनरल ब्लॉकचेन डेवलपर्स से हटकर ऐसे टैलेंट की ओर जा रही है जो कन्वर्जेंस एरियाज़ में स्पेशलाइज़्ड हो—यह ट्रेंड 2025 की दूसरी छमाही से साफ दिखता है।
1: AI Integration Mandate
AI प्रोफिशिएंसी अब ऑप्शनल नहीं रही, बल्कि cutting-edge Web3 डेवलपमेंट के लिए प्री-रिक्विज़िट बन गई है। कंपनियाँ ऐसे इंजीनियर्स और डेटा साइंटिस्ट्स तलाश रही हैं जो AI-driven DeFi सॉल्यूशंस बना सकें, ऑटोमेटेड अटैक्स के खिलाफ सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स मज़बूत कर सकें, और decentralized AI compute networks (DePIN) जैसी स्पेशलाइज़्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर सकें। उदाहरण के लिए, Bitcoin माइनिंग कंपनियाँ डेटा सेंटर और GPU स्पेशलिस्ट्स को एक्टिवली हायर कर रही हैं, ताकि अपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर को AI होस्टिंग सर्विसेज में बदल सकें—यह बिज़नेस मॉडल्स में बुनियादी बदलाव दिखाता है।
2. रेग्युलेटरी और RWA Expertise
spot Bitcoin ETF की institutional acceptance और stablecoin रेग्युलेशन की push ने compliance और पारंपरिक finance expertise को जरूरी बना दिया है। Global FinTech फर्म्स खास तौर पर इन बैकग्राउंड वाले प्रोफेशनल्स को target कर रही हैं:
- Financial Law and Compliance (Bitcoin): US GENIUS Act और European MiCA जैसे बदलते frameworks को navigate करने के लिए।
- Tokenization (RWA, Bitcoin): RWA सबसे बड़ा growth narrative बना हुआ है। इसके लिए ऐसे engineers चाहिए जो illiquid assets (real estate, corporate debt) को tokenize कर सकें और उन्हें existing bank systems के साथ सुरक्षित तरीके से integrate कर सकें।
TradFi अपनी analog structure को modernize करने के लिए specialists हायर कर रहा है। वहीं Web3 फर्म्स regulated, real-world economy के साथ digital structure को integrate करने के लिए specialists ले रही हैं। अब talent की जंग उन individuals पर फोकस है जो risk manage कर सकें, compliance ensure करें, और AI की मदद से इन दोनों worlds को जोड़ सकें।