Pi Coin प्राइस ने कई हफ्तों के दबाव के बाद वापसी के शुरुआती संकेत दिखाने शुरू कर दिए हैं। प्राइस एक्शन अब भी सतह पर काफी शांत दिखता है, पिछले सात दिनों में ज्यादातर फ्लैट ट्रेडिंग हो रही है। लेकिन अंदर ही अंदर, कैपिटल का व्यवहार बदल रहा है, जो आमतौर पर बड़े मूव्स से पहले होता है। पैसे की वापसी शुरू हो गई है, और डिप्स अब आक्रामक तरीके से नहीं बेचे जा रहे हैं।
अब फोकस काफी स्पेसिफिक है। Pi Coin का बार-बार $0.21 लेवल के पास आना, मोमेंटम और ट्रेडर के व्यवहार दोनों को शेप कर रहा है। PI प्राइस इस जोन से आखिरकार बाहर निकलता है या इसमें फंसा रह जाता है, यही अगला बड़ा ट्रेंड तय करेगा।
मार्केट डिप्स जैसे ही अब्ज़ॉर्ब हुए, Capital लौटता दिखा
पहला सिग्नल कैपिटल फ्लो से मिलता है।
Chaikin Money Flow (CMF) इंडिकेटर ये ट्रैक करता है कि बड़ी राशि किसी एसेट में आ रही है या बाहर जा रही है – यह प्राइस और वॉल्यूम को मिलाकर काम करता है। जब भी CMF जीरो से ऊपर रहता है, तो ये बताता है कि खरीदारों का कंट्रोल ज्यादा है।
Pi Coin का CMF कई हफ्तों के बाद पहली बार जीरो लाइन के ऊपर चला गया है, और साथ ही एक डाउनवर्ड ट्रेंडलाइन के ऊपर भी ब्रेक कर गया है जिसमें पहले खरीदारी अटक रही थी। यह अहम है, क्योंकि पिछली बार जब CMF थोड़े समय के लिए इस ट्रेंडलाइन पर गया था, उसके बाद Pi Coin में लगभग 32% की करेक्शन आई थी। इस बार अगर Pi Coin में अपसाइड चाहिए, तो CMF को उस ट्रेंडलाइन और जीरो लाइन, दोनों के ऊपर रहना जरूरी है।
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Dip behavior इस बदलाव को और पक्का करता है।
Money Flow Index (MFI) खरीदने और बेचने के प्रेशर को मापता है – इसमें प्राइस मूवमेंट और ट्रेड वॉल्यूम को शामिल किया जाता है। CMF बड़े कैपिटल फ्लो को ट्रैक करता है, जबकि MFI यह दिखाता है कि ट्रेडर्स डिप में खरीदारी कर रहे हैं या बेच रहे हैं।
6 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच, Pi Coin की प्राइस नीचे जाती रही, लेकिन MFI ऊपर गया। इसका मतलब है कि प्राइस गिर रही थी फिर भी वॉल्यूम-वेटेड खरीदारी बढ़ रही थी। आसान भाषा में कहें तो, सेलर्स ने प्राइस नीचे धकेली मगर बायर्स ने चुपचाप सप्लाई एब्जॉर्ब कर ली।
जब CMF जीरो से ऊपर स्थिर रहता है और MFI, pullbacks के दौरान बढ़ता है, तो इसका मतलब अक्सर शुरुआती accumulation (खरीदारी) होता है, distribution नहीं। इस कॉम्बिनेशन से लगता है कि कैपिटल पोजिशन बना रही है, भले ही अभी तक प्राइस पर ज्यादा असर ना दिखे।
$0.21 Pi Coin प्राइस की दीवानगी क्यों है जरूरी
$0.21 लेवल ने अक्टूबर के आखिर से Pi Coin के प्राइस बिहेवियर पर दबदबा बनाया हुआ है। यह लेवल कभी रेसिस्टेंस (ceiling) तो कभी सपोर्ट (floor) का काम करता रहा है, बार-बार प्राइस को अपनी तरफ खींचता है।
जब 26 अक्टूबर को Pi Coin ने $0.21 लेवल के ऊपर ब्रेक किया, तब प्राइस लगभग 42% बढ़ गया। लेकिन जब 11 दिसंबर को यही लेवल खोया, तो PI प्राइस करीब 11% गिर गया। यही वजह है कि प्राइस बार-बार इसी ज़ोन के आसपास घूमता है और PI ट्रेडर्स इसे बहुत जरूरी मानते हैं।
अगर Pi Coin का प्राइस फिर से $0.21 के ऊपर जा कर hold करता है, तो अगला टार्गेट $0.24 के पास होगा, जो एक स्ट्रॉन्ग 0.618 Fibonacci लेवल पर है। यहां से करीब 21% की ग्रोथ संभव है। लेकिन अगर प्राइस फिर से इस ज़ोन से बाहर निकलने में फेल होता है, तो भले ही कैपिटल फ्लो बेहतर हो, लेकिन मार्केट सीमित रेंज में ही फंसा रह सकता है।
अगर Pi Coin, $0.21 का लेवल डेली क्लोजिंग के साथ री-क्लेम नहीं कर पाया, तो नीचे की तरफ $0.19 या यहां तक कि $0.15 के पास रेट जा सकता है- खासकर तब जब money flow कमजोर होने लगे।
फिलहाल, Pi Coin की सिचुएशन बहुत सिंपल है। कैपिटल फिर से लौट रहा है, गिरावटों पर buyers एक्टिव हैं और बेचने वालों का दबाव कम हुआ है। लेकिन असली तेजी तभी दिखेगी जब Pi Coin प्राइस आखिरकार $0.21 की लिमिट से बाहर निकल पाएगा। जब तक ऐसा नहीं होता, accumulation धीरे-धीरे चलता रहेगा, लेकिन अपसाइड में तेजी आने में देरी होगी।