Solana Foundation ने ब्लॉकचेन सुरक्षा को quantum-resistant बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है और Solana testnet पर post-quantum डिजिटल सिग्नेचर डिप्लॉय किए हैं।
यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब तेजी से बढ़ते quantum computing खतरों को लेकर चिंता जताई जा रही है कि ये पहले से अनुमानित समय से भी जल्दी आ सकते हैं।
Solana ने post-quantum testnet लॉन्च कर quantum-resistant अपग्रेड शुरू किया
Solana ब्लॉकचेन, quantum computing के खतरे को गंभीरता से लेने वाली लेटेस्ट नेटवर्क्स की लिस्ट में जुड़ गया है। Ethereum और Cardano के बाद अब Solana भी सुरक्षित इंतजाम कर रहा है, जिसमें टेस्टनेट पर post-quantum सिग्नेचर्स को डिप्लॉय किया जा रहा है।
“Quantum कंप्यूटर्स अभी आए नहीं हैं, लेकिन Solana Foundation इसकी संभावना के लिए तैयारी कर रही है। इसी सिलसिले में, हमने Project Eleven के साथ मिलकर हमारी quantum readiness को असेस किया। हमें घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि Solana testnet पर post-quantum सिग्नेचर डिप्लॉय किया गया है,” ऐसा Solana Foundation ने एक पोस्ट में लिखा।
यह कदम Project Eleven के comprehensive quantum risk assessment के बाद आया है, जो post-quantum cryptography और डिजिटल एसेट्स के लिए migration strategies में एक्सपर्ट है।
इस assessment ने जांचा कि भविष्य में quantum computing कितना Solana की core infrastructure, validator security, यूजर वॉलेट और लॉन्ग-टर्म cryptographic assumptions को प्रभावित कर सकता है।
Engagement के हिस्से के रूप में, Project Eleven ने Solana testnet पर एक practical post-quantum सिग्नेचर सिस्टम भी डिप्लॉय किया। इससे यह साफ है कि एंड-टू-एंड quantum-resistant ट्रांजेक्शन आज की टेक्नोलॉजी से भी संभव और scalable हैं।
इससे यह धारणा चुनौती होती है कि quantum-safe ब्लॉकचेन systems अभी भी दूर की बात हैं और सिर्फ theoretical concern हैं।
“हमारी जिम्मेदारी है कि Solana को न सिर्फ आज, बल्कि आने वाले दशकों तक भी secure रखें,” ऑफिशियल ब्लॉग में ऐसा लिखा गया, जिसमें Matt Sorg, VP of Technology, Solana Foundation को कोट किया गया।
Sorg ने माना कि Solana इकोसिस्टम का तेज़ी से product ship करने का कल्चर बना रहेगा और इस साल दूसरा client और स्टेट-ऑफ-द-आर्ट consensus मेकैनिज्म रिलीज किया जाएगा।
Project Eleven जैसे प्रयास नेटवर्क को मजबूत बनाने और सबसे आगे बने रहने की दिशा में शुरुआती, ठोस कदमों को दिखाते हैं, जो Solana की लॉन्ग-टर्म resiliency सुनिश्चित करते हैं।
Project Eleven के CEO Alex Pruden ने Solana के फैसले को reactive security planning के बजाय proactive risk management का उदाहरण बताया।
“Solana ने quantum कंप्यूटर्स को हेडलाइन समस्या बनने तक का इंतजार नहीं किया,” Pruden ने कहा। “उन्होने जल्दी निवेश किया, जरूरी सवाल पूछे और आज actionable कदम उठाए। नतीजों से साबित होता है कि आज की टेक्नोलॉजी से Solana पर post-quantum सिक्योरिटी viable है।”
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यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब क्वांटम कंप्यूटिंग कितनी करीब है कि वह Bitcoin और Ethereum जैसी ब्लॉकचेन पर इस्तेमाल हो रही क्लासिकल क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम्स के लिए खतरा बन सकती है, इस पर बहस तेज हो रही है।
हालिया रिसर्च के मुताबिक, यह समयसीमा अब छोटी होती दिख रही है। अब ऐसा माना जा रहा है कि क्वांटम रिस्क आने वाले कुछ सालों में ही नजर आ सकता है, न कि दशकों बाद।
इंडस्ट्री के नजरिए अभी भी बंटे हुए हैं। Cardano के फाउंडर Charles Hoskinson ने पहले कहा है कि क्वांटम रिस्क कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है। उनका कहना है कि असली खतरा तभी आएगा जब मिलिट्री-ग्रेड बेंचमार्क्स तक क्वांटम टेक्नोलॉजी पहुँच जाएगी, जो शायद 2030 के दशक में हो सकता है।
Charles Hoskinson ने यह भी चेतावनी दी है कि क्वांटम-रेसिस्टेंट क्रिप्टोग्राफी अपनाने से कम्प्यूटेशनल कॉस्ट काफी बढ़ सकती है और परफॉर्मेंस कम हो सकती है।
वहीं दूसरी तरफ, कुछ नेटवर्क्स ज़्यादा गंभीर नजरिया अपना रहे हैं। Ethereum ने अपने लॉन्ग-टर्म रोडमैप में क्वांटम सिक्योरिटी को प्राथमिकता दी है। Co-founder Vitalik Buterin का कहना है कि अगर तैयारी में देरी हुई तो दशकों के अंत से पहले Ethereum और Bitcoin दोनों क्रिप्टोग्राफिक थ्रेट्स का सामना कर सकते हैं।
Solana से आगे भी यह कोलैबोरेशन पूरी इंडस्ट्री में क्वांटम-सेफ इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को दर्शाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्लॉकचेन जो सिर्फ क्लासिकल सिग्नेचर स्कीम्स पर निर्भर हैं, उन्हें आने वाले समय में ये ख़तरे हो सकते हैं, जैसे:
- फंड्स की चोरी
- वलिडेटर आइडेंटिटी की नक़ल (spoofed validator identities)
- सिस्टम-लेवल क्रिप्टोग्राफिक फेल्यर्स
Project Eleven ने कहा है कि वह Solana और दूसरे इकोसिस्टम स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करता रहेगा। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब नेटवर्क्स इन बातों का मूल्यांकन कर रहे हैं:
- माइग्रेशन के रास्ते
- नई-नई स्टैंडर्ड्स, और
- पोस्ट-क्वांटम प्रिमिटिव्स को अपनाना
Solana का टेस्टनेट डिप्लॉयमेंट दिखाता है कि क्वांटम रेसिस्टेंस में तकनीकी बाधाएं अब गिर रही हैं। हालांकि, इतने बड़े स्केल के क्वांटम कंप्यूटर, जो ब्लॉकचेन क्रिप्टोग्राफी को ब्रेक कर सकें, अब तक मौजूद नहीं हैं।
चाहे क्वांटम थ्रेट्स दो साल में आएं या दस साल में, ब्लॉकचेन सिक्योरिटी को भविष्य के लिए तैयार करने की रेस शुरू हो चुकी है, और Solana ने खुद को शुरुआती मूवर्स में शामिल कर लिया है।