डिजिटल एसेट इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स ने चार हफ्तों में पहली बार $952 मिलियन की साप्ताहिक ऑउटफ्लो रिकार्ड की है।
यह नेगेटिव क्रिप्टो फंड फ्लो तब आए हैं जब US Clarity Act में देरी के कारण रेग्युलेटरी अनिश्चितता फिर से बढ़ गई है और इंस्टीट्यूशनल सेंटिमेंट पर दबाव पड़ा है।
US रेग्युलेटरी देरी से इंस्टीट्यूशनल सतर्कता बढ़ी, क्रिप्टो फंड्स से $952 मिलियन का ऑउटफ्लो
साप्ताहिक क्रिप्टो फंड फ्लो डेटा के अनुसार, यह ऑउटफ्लो रुकी हुई लेजिस्लेशन और बड़े होल्डर्स की ओर से सेलिंग प्रेशर को लेकर बढ़ी टेंशन के कारण देखा गया है।
“हम मानते हैं कि US Clarity Act में देरी की वजह से क्रिप्टो मार्केट में नेगेटिव रिएक्शन आया है, जिससे अस्ट क्लास के लिए रेग्युलेटरी अनिश्चितता बनी हुई है। इसके साथ ही व्हेल इन्वेस्टर्स की लगातार सेलिंग को लेकर भी चिंता रही,” लिखा CoinShares के रिसर्च हेड James Butterfill ने।
मार्केट का मोमेंटम कमजोर होने के साथ अब विश्लेषको का कहना है कि 2025 में आने वाला डिजिटल एसेट ETP इनफ्लो पिछले साल के मुकाबले कम ही रहने की संभावना है। अभी टोटल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट $46.7 बिलियन हैं, जबकि 2024 के अंत में यह $48.7 बिलियन था।
यह नेगेटिव सेंटिमेंट सबसे ज्यादा US में था, जहां $990 मिलियन की टोटल क्रिप्टो ऑउटफ्लो रिकार्ड की गई। इसके मुकाबले, दूसरे रीजन के इन्वेस्टर्स ने ज्यादा पॉजिटिव रुख दिखाया।
- Canada में $46.2 मिलियन की इनफ्लो दर्ज हुई
- Germany ने $15.6 मिलियन अट्रैक्ट किए, जिससे US की कुछ हद तक लॉस की भरपाई हुई, लेकिन इससे ओवरऑल ट्रेंड में बदलाव नहीं आया।
यह फर्क दिखाता है कि रेग्युलेटरी अनिश्चितता US-बेस्ड इंस्टीट्यूशनल प्रोडक्ट्स को बाकी स्थानों की तुलना में ज्यादा प्रभावित कर रही है।
जहां Clarity Act का मकसद डिजिटल एसेट्स के लिए स्पष्ट फेडरल फ्रेमवर्क लाना है, वहीं इसकी देरी के कारण नियमों, रजिस्ट्रेशन जरूरतों और US रेग्युलेटर्स के बीच अधिकारों के बंटवारे को लेकर अब भी अस्पष्टता बनी हुई है।
इस्ट्रिक्ट कंप्लायंस के तहत काम करने वाले इंस्टीट्यूशन्स के लिए यह अनिश्चितता सीधे उनके एक्सपोजर में कमी के रूप में दिखी है।
Ethereum सबसे ज्यादा रेग्युलेटरी रिस्क में, डेटा में selective altcoin सपोर्ट नजर आया
Ethereum ने इस हफ्ते $555 मिलियन के आउटफ्लो के साथ लीड किया, जो US क्रिप्टो कानून के नतीजों को लेकर उसकी ज्यादा sensitivity दिखाता है। मार्केट पार्टिसिपेंट्स का मानना है कि Ethereum को डिजिटल कमोडिटी और सिक्योरिटी की साफ परिभाषा से सबसे ज्यादा फायदा या नुकसान हो सकता है। डिजिटल कमोडिटी बनाम सिक्योरिटी की पहचान को लेकर बहस खासतौर पर Ethereum के लिए अहम है।
भले ही हफ्ते में आउटफ्लो तेज़ रहे, लेकिन Ethereum में लॉन्ग-टर्म इनफ्लो अभी भी मजबूत है। साल की शुरुआत से अब तक इनफ्लो $12.7 बिलियन तक पहुंच गया है, जो 2024 के पूरे साल में दर्ज $5.3 बिलियन से काफी ज्यादा है।
यह फर्क दिखाता है कि भले ही इंस्टिट्यूशनल इंटरेस्ट Ethereum में कायम है, लेकिन रेग्युलेटरी क्लैरिटी में कमी के चलते भरोसा थोड़ा कमजोर है।
Bitcoin $460 मिलियन के आउटफ्लो के साथ दूसरे नंबर पर रहा। हालांकि ओवरऑल देखा जाए तो इसमें सबसे ज्यादा इंस्टिट्यूशनल कैपिटल आता है, लेकिन 2024 में अब तक इसके इनफ्लो $27.2 बिलियन ही हैं, जो 2024 के $41.6 बिलियन के मुकाबले कम है।
डेटा से पता चलता है कि Bitcoin का रेग्युलेटरी सेफ हेवन बनने का रोल अब टेस्ट हो रहा है, क्योंकि US मार्केट में अनिश्चितता अभी भी बरकरार है।
हर एसेट सेल-ऑफ़ की चपेट में नहीं आया। Solana में $48.5 मिलियन के इनफ्लो दर्ज हुए, जबकि XRP ने $62.9 मिलियन का इनफ्लो आकर्षित किया। इससे साफ है कि इनवेस्टर्स कुछ खास डिजिटल एसेट्स में सपोर्ट दिखा रहे हैं, सब जगह से एग्जिट नहीं कर रहे।
इन इनफ्लो से पता चलता है कि मार्केट में अब डेफरेंसिएशन बढ़ रहा है। अब कैपिटल वैसे एसेट्स की तरफ बढ़ रहा है, जिनकी रेग्युलेटरी पोज़िशनिंग क्लियर है या जिनका नेटवर्क स्ट्रॉन्ग है।
जब तक US लॉ-मेकर्स Clarity Act जैसे कानून से सही दिशा नहीं देंगे, तब तक फंड फ्लो वॉलेटाइल बने रह सकते हैं।