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US में मंदी कम हुई, फिर भी Bitcoin और stocks में सेल-ऑफ़ क्यों आया

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के द्वारा लिखा और edit किया गया
Mohammad Shahid

18 दिसंबर 2025 22:13 UTC
विश्वसनीय
  • US CPI 2.7% YoY पर आया, 2025 की सबसे बुलिश मंदी सरप्राइज़ में से एक
  • Bitcoin और stocks ने शुरुआत में बढ़त बनाई लेकिन US ट्रेडिंग आवर्स में तेजी से गिरावट आई
  • Taker सेल वॉल्यूम और टाइमिंग लिक्विडेशन और स्ट्रक्चरल फ्लो की तरफ इशारा करते हैं, फंडामेंटल्स नहीं

US मंदी ने कई महीनों में सबसे बड़ी पॉजिटिव सरप्राइज दी थी। इसके बावजूद, US ट्रेडिंग घंटों में Bitcoin और US इक्विटीज दोनों में तेज़ सेल-ऑफ़ देखने को मिला।

ऐसा प्राइस मूवमेंट कई ट्रेडर्स के लिए चौकाने वाला था, लेकिन चार्ट्स मार्केट स्ट्रक्चर, पोजिशनिंग और लिक्विडिटी को वजह बताते हैं, न कि मैक्रो फंडामेंटल्स को।

US CPI रिलीज के बाद क्या हुआ

हेडलाइन CPI नवंबर में सालाना 2.7% रही, जो कि 3.1% के अनुमान से काफी कम थी। कोर CPI भी उम्मीदों को मात देती हुई 2.6% रही।

कागज़ पर देखें तो ये 2025 की सबसे ज्यादा रिस्क-पॉजिटिव मंदी थी। मार्केट्स ने शुरुआत में पॉजिटिव तरीके से रिएक्ट किया। Bitcoin $89,000 के लेवल तक गया, वहीं S&P 500 भी डेटा आने के तुरंत बाद तेजी से ऊपर चढ़ा।

लेकिन वो रैली ज्यादा देर टिक नहीं पाई।

US CPI डेटा के बाद Bitcoin प्राइस ने ब्रीफ रैली दिखाई, फिर डंप हुआ। स्रोत: CoinGecko

CPI डेटा के लगभग 30 मिनट के भीतर, Bitcoin ने अचानक रिवर्स किया। जैसे ही BTC ने इंट्राडे हाई $89,200 को टच किया, उसमें जबरदस्त सेल-ऑफ़ हुआ और वह फिसलकर $85,000 के पास आ गया।

S&P 500 का पैटर्न भी कुछ ऐसा ही था। इसमें भी इंट्राडे में तेज़ उतार-चढ़ाव आया, जिससे CPI-driven गेंस लगभग खत्म हो गए और फिर मार्केट स्टेबल हुआ।

US CPI के बाद S&P 500 ने तेज़ गिरावट दिखाई और फिर स्पाइक किया। स्रोत: X/Kobeissi Letter

यह सिंक्न्रोनाइज़्ड रिवर्सल क्रिप्टो बाजार और इक्विटीज दोनों में मायने रखता है। इससे साफ़ है कि ये मूव किसी एक एसेट या सेंटीमेंट की वजह से नहीं था, बल्कि ये स्ट्रक्चरल था।

Bitcoin Taker सेल वॉल्यूम से पूरी Story साफ

Bitcoin के टेकर सेल वॉल्यूम डेटा से इस मूवमेंट की सबसे क्लियर वजह समझ आती है।

इंट्राडे चार्ट में देखा गया कि जैसे ही Bitcoin नीचे टूटा, उसी समय टेकर सेल वॉल्यूम में बड़े स्पाइक्स आए। टेकर सेल्स का मतलब है कि मार्केट ऑर्डर्स सीधे बिड पर हिट हो रही थीं — यानी इसमें एग्रेसिव सेलिंग हुई, न कि कोई पैसिव प्रॉफिट-टेकिंग।

ये स्पाइक्स US मार्केट समय के दौरान अधिक नजर आईं और गिरावट के सबसे तेज़ हिस्से के साथ मेल खाईं।

18 दिसंबर को सभी Exchanges पर Bitcoin Taker Volume. सोर्स: CryptoQuant

साप्ताहिक व्यू इस पैटर्न को और मजबूत करता है। हाल के हफ्ते में ऐसे ही कई बार सेल-साइड बर्स्ट्स नजर आए, जो अक्सर high-liquidity timing में हुए हैं। इससे ये पता चलता है कि ये जबरन या systematic सेलिंग के एपिसोड हैं, न कि केवल isolated रिटेल exits।

यह व्यवहार liquidation cascades, वॉलेटिलिटी-टार्गेटिंग स्ट्रैटेजीज और algorithmic de-risking के अनुरूप है — ये सभी तब तेज़ हो जाते हैं जब प्राइस लेवरेज्ड पोजीशन के खिलाफ जाने लगता है।

पिछले एक हफ्ते में सभी Exchanges पर Bitcoin Taker Volume. सोर्स: CryptoQuant

‘Good News’ कैसे बनी ट्रिगर

CPI रिपोर्ट ने सेल-ऑफ़ इसलिए ट्रिगर नहीं किया क्योंकि डेटा खराब था। बल्कि, यह वॉलेटिलिटी इसलिए आई क्योंकि रिपोर्ट पॉजिटिव थी।

कम होती मंदी ने थोड़े समय के लिए liquidity बढ़ा दी और spreads टाइट कर दिए। ऐसे माहौल में बड़े प्लेयर्स आसानी से बड़े ऑर्डर execute कर सकते हैं।

Bitcoin का शुरुआती spike संभवतः रेस्टिंग ऑर्डर्स, स्टॉप लॉसेज और शॉर्ट-टर्म लेवरेज के dense zone में चला गया। जब अपसाइड मोमेंटम थमा, तो प्राइस रिवर्स हुआ और long liquidations व स्टॉप-आउट्स ट्रिगर हो गए।

जैसे ही liquidation हुए, फोर्स्ड मार्केट सेलिंग ने इस मूवमेंट को और बढ़ा दिया। इसी वजह से गिरावट तेज़ हुई, धीरे-धीरे नहीं आई।

S&P 500 के इंट्राडे वाइप्सॉ में भी यही डाइनामिक दिखता है। मैक्रो रिलीज़ के समय तेज़ गिरावट और रिकवरी अक्सर डीलर हेजिंग, ऑप्शन गामा इफेक्ट्स, और systematic फ्लो के कारण रियल टाइम में रिस्क एडजस्ट होते हैं।

क्या यह manipulation लग रहा है

चार्ट्स मैनिपुलेशन साबित नहीं करते हैं। लेकिन ये ऐसे पैटर्न दिखाते हैं, जो आमतौर पर स्टॉप-रन और लिक्विडिटी एक्सट्रैक्शन से जुड़े होते हैं:

  • टेक्निकल लेवल्स पर बहुत तेजी से मूव करना
  • लिक्विडिटी बेहतर होते ही तुरंत रिवर्सल आना
  • ब्रेकडाउन के दौरान बड़े लेवल पर अटैकिंग सेलिंग आना
  • यूएस ट्रेडिंग घंटों के साथ टाइट एलाइन्मेंट होना

ये बिहेवियर आमतौर पर हाईली लेवरेज्ड मार्केट्स में देखे जाते हैं। सबसे ज्यादा संभावित ड्राइवर्स इंडिविजुअल्स नहीं बल्कि बड़े फंड्स, मार्केट मेकर्स और सिस्टमेटिक स्ट्रैटेजीज होते हैं, जो फ्यूचर्स, ऑप्शंस और स्पॉट मार्केट्स में काम करते हैं। इनका गोल नैरेटिव कंट्रोल करना नहीं, बल्कि एक्सीक्यूशन एफिसिएंसी और रिस्क मैनेजमेंट होता है।

क्रिप्टो में, जहां लेवरेज हमेशा हाई रहता है और लिक्विडिटी मुख्य विंडो के बाहर जल्दी पतली हो जाती है, इन फ्लो का असर बहुत एक्सट्रीम दिख सकता है।

आगे इसका क्या मतलब है

यह सेल-ऑफ CPI सिग्नल को इनवैलिडेट नहीं करता। महंगाई (inflation) सच में कूल हुई है, और यह लॉन्ग-टर्म में रिस्क ऐसेट्स के लिए सही संकेत है। मार्केट में जो हुआ, वह शॉर्ट-टर्म पोजिशनिंग रीसेट था, कोई बड़ा मैक्रो रिवर्सल नहीं।

अभी के समय में, ट्रेडर्स यह देखेंगे कि Bitcoin हाल की सपोर्ट के ऊपर टिकता है या नहीं और क्या बिकवाली का प्रेशर लिक्विडेशन क्लियर होने के साथ घटता है।

अगर टेकर सेल वॉल्यूम कम होती है और प्राइस होल्ड करती है, तो CPI डेटा आने वाले सेशंस में असर दिखा सकता है।

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