XRP प्राइस 2025 के आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ते हुए एक महत्वपूर्ण फैसले वाले पॉइंट के करीब पहुंच चुका है। प्राइस लंबे समय के चार्ट्स पर कमजोर बना हुआ है, जो महीने-दर-महीने करीब 16% नीचे है। लेकिन अब सेलिंग प्रेशर में दरारें दिखने लगी हैं। मोमेंटम इंडिकेटर्स और ऑन-चेन डेटा ये दर्शाते हैं कि सेलर्स की पकड़ कमजोर पड़ रही है, भले ही अभी तक प्राइस ने रिवर्सल कन्फर्म नहीं किया है।
अब फोकस यह अंदाजा लगाने पर नहीं है कि रैली कब शुरू होगी, बल्कि सवाल यह है कि क्या घटती सेल-ऑफ़ प्रेशर XRP प्राइस को एक जानी-पहचानी सप्लाई वॉल पार करवा सकती है। और वो दीवार आज भी मायने रखती है।
Sellers का कंट्रोल कमजोर पड़ रहा है?
12-घंटे के चार्ट पर शुरुआती रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं, जिनमें सबसे पहले ट्रेंड शिफ्ट नजर आते हैं।
21 नवंबर से 18 दिसंबर के बीच, XRP प्राइस ने नई लो बनाई। इस दौरान, RSI ने लोअर लो की बजाय हाईअर लो बनाया। RSI (Relative Strength Index) मोमेंटम को मापता है। जब प्राइस गिरती है, लेकिन RSI में सुधार होता है, तो ये बुलिश डायवर्जेंस का इंडिकेटर है।
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इस पैटर्न से साफ है कि XRP प्राइस लगातार गिरती रही, लेकिन सेलिंग मोमेंटम कमजोर पड़ चुका है। सेलर्स अब भी एक्टिव थे, मगर वे पहले जितनी ताकत से मोमेंटम नीचे नहीं ले जा पा रहे थे।
ऑन-चेन डेटा भी इस बदलाव की पुष्टि करता है।
XRP HODLer Net Position Change यह ट्रैक करता है कि लॉन्ग-टर्म holders अपने कॉइन्स जोड़ रहे हैं या बेच रहे हैं। 11 दिसंबर को नेट सेलिंग लगभग 216.9 मिलियन XRP रही। लेकिन 18 दिसंबर को यह आंकड़ा 132.2 मिलियन XRP के आस-पास आ गया।
यानी डेली सेलिंग प्रेशर करीब 39% तक कम हो गया है।
साधारण शब्दों में, सेलर्स अभी भी मौजूद हैं, लेकिन बहुत कम कॉइन्स मार्केट में लाए जा रहे हैं। यह RSI डाइवर्जेंस के साथ मेल खाता है और बताता है कि डाउनसाइड प्रेशर अब कम हो रहा है।
इसका यह मतलब नहीं है कि अब रैली पक्की है। लेकिन अब मार्केट पूरी तरह सेलर्स के कंट्रोल में नहीं है।
XRP के एक प्राइस लेवल पर फैसला टिका हुआ
भले ही सेलिंग प्रेशर और कम हो, लेकिन XRP को अब भी ऊपर एक बड़ा स्ट्रक्चरल टेस्ट फेस करना है।
ऑन-चेन कोस्ट बेसिस डेटा दिखाता है कि $1.96 से $1.97 के बीच भारी सप्लाई क्लस्टर है। इसी ज़ोन में करीब 1.82 बिलियन XRP खरीदे गए थे। कोस्ट बेसिस डेटा यह ट्रैक करता है कि होल्डर्स ने अपने कॉइन्स कहाँ खरीदे। जब प्राइस दोबारा उन्हीं लेवल्स पर वापस आता है, तो बहुत से होल्डर्स ब्रेक-इवन पर होते हैं और सेल करते हैं।
इसी वजह से $1.96–$1.97 का रेंज एक मजबूत रेसिस्टेंस जोन बन जाता है।
प्राइस चार्ट भी यही कन्फर्म करता है। XRP प्राइस कई बार $1.96 के ऊपर टिक नहीं पाया है, और रिबाउंड्स भी लगभग इसी एरिया के पास रुक जाते हैं। अगर अभी के लेवल्स से बाउंस आता है, तो यही वह जगह है जहां सेलर्स दोबारा एक्टिव हो सकते हैं।
रिबाउंड को असली ट्रेंड शिफ्ट बनने के लिए, XRP प्राइस को क्लीन डेली क्लोज $1.96 के ऊपर देना होगा। अगर ऐसा नहीं होता, तो कोई भी अपवर्ड मूव एक और फेल्ड रैली बन सकता है।
डाउनसाइड में, $1.76 अभी भी की-इनवैलिडेशन लेवल है। अगर यह लेवल टूटता है, तो फिर से सेलर्स कंट्रोल में आ सकते हैं और बड़े लॉस की संभावना बढ़ जाती है।
सारांश यही है: सेलिंग प्रेशर काफी कम हुआ है और मोमेंटम बेहतर हो रहा है। लेकिन जब तक XRP मजबूती के साथ $1.96 के ऊपर क्लियर नहीं करता, तब तक मार्केट कमजोर सेलर्स और स्ट्रॉन्ग सप्लाई वॉल के बीच फंसा रहेगा।