XRP प्राइस चुपचाप एक असहज स्थिति में आ गई है। पिछले 30 दिनों में प्राइस करीब 9% नीचे आ गया है, मोमेंटम भी कमजोर महसूस हो रहा है और टोकन को लेकर पॉजिटिव सोशल चर्चा भी अब काफी नेगेटिव हो गई है। पहली नजर में यह कमजोरी लगती है, लेकिन XRP की खासियत रही है कि जब उत्साह खत्म हो जाता है, तब इसका प्रदर्शन सबसे अच्छा होता है।
इस बार, जो वजह सेंटीमेंट को नीचे खींच रही है, वही शायद अगले मूव का कारण भी बन सकती है। और इसमें एक की होल्डर ग्रुप का रोल अहम हो सकता है।
समस्या: पॉजिटिव सेंटिमेंट कमजोर, शॉर्ट-टर्म होल्डर्स की एग्जिट
असल मुद्दा प्राइस नहीं है, बल्कि सेंटीमेंट है।
XRP का पॉजिटिव सोशल सेंटीमेंट तीन महीने के लो पर पहुंच गया है और हाल के हाई से इसमें तेज गिरावट आई है। यह मेट्रिक बताता है कि सोशल प्लेटफॉर्म्स पर XRP को कितनी बार पॉजिटिव तरीके से डिस्कस किया जा रहा है। जब इसमें गिरावट आती है, तो यह पैनिक बायिंग के बजाय भीड़ के थकने का संकेत देता है।
इतिहास दिखाता है कि यह बहुत मायने रखता है।
अक्टूबर के मध्य में, ऐसा ही सेंटीमेंट ड्रॉप देखने के बाद कुछ ही दिनों में लगभग 15% की रैली आई थी। नवंबर की शुरुआत में फिर सेंटीमेंट लो हुआ, जिसके बाद एक हफ़्ते के अंदर 17% की बढ़त मिली। नवंबर के अंत में भी यही पैटर्न रहा, सेंटीमेंट ट्रफ पर पहुंचते ही प्राइस करीब 14% तक चढ़ गया।
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इस बार सेंटीमेंट ड्रॉप पिछले सभी लो से भी गहरा है।
यह सेंटीमेंट गिरावट शॉर्ट-टर्म holders की वजह से हो सकती है। HODL Waves, जो बताते हैं कि कितने समय से कॉइन्स होल्ड की गई हैं, दिखा रहे हैं कि एक दिन से एक हफ्ते तक XRP होल्ड करने वाले वॉलेट्स ने अपनी सप्लाई शेयर काफी कम कर दी है। इस ग्रुप के पास इस महीने की शुरुआत में करीब 2.97% सप्लाई थी, जो अब घटकर लगभग 1.18% रह गई है। यानी 60% से ज्यादा गिरावट आई है।
सिंपल भाषा में कहें तो जो जल्दी पैसा लगाने वाले या रिटेल निवेशक थे, उनका इंटरेस्ट कम हो गया है और वो आगे बढ़ चुके हैं। यही प्रॉब्लम XRP सेंटिमेंट पर भारी पड़ रही है। आगे वाला सेक्शन बताएगा कि यह इतनी बुरी बात नहीं है।
समाधान: लॉन्ग-टर्म होल्डर्स सेल-ऑफ़ कम कर रहे हैं, ज्यादा नहीं
यहीं से स्टोरी बदलती है।
जब शॉर्ट-टर्म होल्डर्स सेल कर रहे हैं, तब लॉन्ग-टर्म होल्डर्स इसका उल्टा कर रहे हैं। लॉन्ग-टर्म होल्डर नेट पोजीशन चेंज का डेटा दिखाता है कि इन वॉलेट्स से बेचने का प्रेशर अब काफी घट चुका है।
इस महीने की शुरुआत में, लॉन्ग-टर्म होल्डर्स हर दिन करीब 216 मिलियन XRP बेच रहे थे। ये नंबर अब घटकर लगभग 103 मिलियन XRP हो चुका है, यानी बेचने की एक्टिविटी में 50% से ज्यादा की कमी आई है।
यह इसलिए जरुरी है, क्योंकि लॉन्ग-टर्म होल्डर्स आमतौर पर जल्दी एक्शन लेते हैं, लेट नहीं। जब वो वीक सेंटिमेंट के दौरान कम सेल करते हैं, तो यह अक्सर धीरे-धीरे जमा करने या स्ट्रेटेजिक पेसेंसी का संकेत देता है।
XRP के लिए दिक्कत क्राउड की उदासीनता है। इसका सॉल्यूशन यह है कि अब अनुभवी होल्डर्स उस सप्लाई को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं।
XRP प्राइस लेवल्स जो तय करेंगे सॉल्यूशन सफल है या नहीं
अगर यह सेंटिमेंट-ड्रिवन सेटअप फिर दोहराया गया, तो XRP प्राइस लेवल्स इसे जल्दी कन्फर्म कर देंगे।
अगर प्राइस अगले रेजिस्टेंस $2.03 की तरफ बढ़ता है, तो यह मौजूदा लेवल से करीब 8% अपसाइड का संकेत है। अगर यह ज़ोन क्लियर होता है तो अगला टारगेट $2.09 और $2.17 के रेजिस्टेंस बैंड्स का रहेगा, जहां पिछली रैलियां रुकी थीं।
नीचे की तरफ, XRP को अपना की सपोर्ट $1.77 पर बनाए रखना जरूरी है। अगर यहां ब्रेकडाउन होता है तो यह सेंटिमेंट-ड्रिवन थ्योरी इनवैलिडेट हो जाएगी और इंडीकेट करेगा कि लॉन्ग-टर्म होल्डर्स अब सप्लाई को अब्सॉर्ब नहीं कर रहे हैं।
फिलहाल, स्ट्रक्चर अभी भी वैसा ही है।
XRP की सबसे बड़ी समस्या यह है कि पॉजिटिव सेंटिमेंट खत्म हो चुका है। लेकिन, इतिहास बताता है कि जब उम्मीदें खत्म होती हैं, तब सबसे पहले कमजोर हाथ मार्केट छोड़ देते हैं और मजबूत हाथ अंदर आते हैं। अगर यही पैटर्न दोबारा बनता है, तो आज XRP प्राइस पर जो दिक्कत है, वही उसका अगला अपमूव ला सकती है।