एम्बेडेड फाइनेंस ने अब पेमेंट्स से आगे बढ़कर लेंडिंग में भी जगह बना ली है। अब ट्रेडिंग इसका अगला लॉजिकल स्टेप बनता है, और वो प्लेटफॉर्म्स जो यूज़र्स को अलग-अलग असेट क्लासेस के लिए हर बार अलग सर्विस प्रोवाइडर पर भेजते हैं, वे अब पीछे छूट रहे हैं। Eightcap के UK और EU के मैनेजिंग डायरेक्टर Patrick Murphy का मानना है कि अगर प्लेटफॉर्म्स यूज़र्स को एंगेज रखना चाहते हैं तो मल्टी-असेट एक्सेस शुरुआत से ही इनबिल्ट होनी चाहिए।
लेकिन ये उम्मीद पूरी करना इतना आसान नहीं है कि बस नए इंस्ट्रूमेंट्स जोड़ दिए जाएं। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर गहरे सवाल भी उठते हैं। आप रेग्युलेटेड डेरिवेटिव्स को क्रिप्टो के साथ कैसे इंबेड करेंगे? जब बैंक्स अभी भी पुरानी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं तब स्टेबलकॉइन क्रॉस-बॉर्डर सेटलमेंट में कैसे फिट होंगे? और जब टोकनाइज्ड असेट्स ट्रेडिशनल फाइनेंस और DeFi दोनों में कोलेटरल के तौर पर इस्तेमाल होने लगें, तब क्या होगा?
BeInCrypto के साथ इस बातचीत में Murphy बताते हैं कि Eightcap इन चुनौतियों का सामना कैसे कर रहा है—चाहे वो उनके API stack में compliance इंबेड करना हो या फिर उस दुनिया के लिए तैयार होना जिसमें Bitcoin, equities और gold जैसे असेट्स तेजी से ऑन-चेन मूव कर रहे हैं।
BeInCrypto: Eightcap Embedded, ब्रोकर, एक्सचेंज और वॉलेट्स को सिर्फ एक API के जरिए मल्टी-असेट ट्रेडिंग इंटीग्रेट करने की सुविधा देता है। ऐसे कौन-से मार्केट सिग्नल या क्लाइंट की ज़रूरतें थीं जिनसे आपको यकीन हुआ कि embedded multi-asset access प्लेटफॉर्म एंगेजमेंट में अगला फर्ंटियर बनने वाला है?
Patrick Murphy: “जब हमने मार्केट के ट्रेंड्स को देखा, तो कुछ बातें साफ नजर आईं। ब्रोकर, एक्सचेंज और फिनटेक्स में क्लाइंट्स की ज़रूरतें लगभग एक जैसी हो रही थीं। यूज़र्स चाहते थे कि वे क्रिप्टो, फॉरेक्स और कमोडिटीज़ के बीच आसानी से मूव कर पाएं। जब यूजर्स को अलग-अलग असेट क्लासेस के लिए प्लेटफॉर्म बदलना पड़ता था, तब प्लेटफॉर्म्स पर उनकी एंगेजमेंट कम हो जाती थी। अगर आप नेचुरली मल्टी-असेट एक्सपोजर नहीं दे पाए, तो आपके क्लाइंट्स कहीं और ट्रेड करने लगेंगे।
Embedded finance ने एक्सपेक्टेशंस चेंज कर दी थीं। जैसे पेमेंट्स और लेंडिंग नॉन-फाइनेंशियल इकोसिस्टम्स में इंबेड हो गए हैं, वैसे ही ट्रेडिंग अगला नेचुरल स्टेप था। हमें इसमें एक मौका दिखा कि पार्टनर्स को सिर्फ एक ही असेट देने वाले प्रोवाइडर के बजाय उन्हें ऑल-इन-वन इन्वेस्टमेंट हब बनाया जा सकता है।
हमने ये भी देखा कि आज के ट्रेडर्स के लिए सिर्फ execution नहीं, बल्कि experience भी बहुत जरूरी है; वे मार्केट में रियल-टाइम और frictionless एक्सेस चाहते हैं। Eightcap Embedded की मल्टी-असेट कैपेबिलिटी इसी इकोसिस्टम को संभव बनाती है, जिसमें ट्रेडर सिर्फ अपने एक्सचेंज से क्रिप्टो खरीद या बेचता नहीं, बल्कि डेरिवेटिव्स के जरिए अपने असेट्स डाइवर्सिफाई भी कर सकता है। इससे क्लाइंट्स की एंगेजमेंट बढ़ती है और मोनेटाइजेशन का मौका भी मिलता है। Eightcap Embedded किसी एक क्लाइंट की जरूरत के जवाब में नहीं बना, बल्कि embedded finance की तरफ मार्केट मूवमेंट और ट्रेडर्स की all-in-one एक्सेस की डिमांड को देखकर इसे बनाया गया।”
BeInCrypto: compliance और payments में आपके अनुभव को देखते हुए, आपने पार्टनर प्लेटफॉर्म्स में रेग्युलेटेड ट्रेडिंग फीचर्स को इंबेड करते हुए स्पीड और scalability को कैसे बैलेंस किया?
Patrick Murphy: “payments और compliance दोनों सेक्टर का मेरा अनुभव regulatory principles को product agility के साथ मर्ज करने में काम आया। payments में मैंने ये सीखा कि जब compliance को सिर्फ एक ‘review step’ मान लिया जाता है, तब scalability टूटने लगती है।
Eightcap में हमारी embedded trading API को ऐसे डिजाइन किया गया है कि उसमें jurisdictional awareness, KYC, AML और licensing logic onboarding process और transaction flow में ही इनबिल्ट हैं। इससे पार्टनर्स को अलग-अलग सिस्टम बनाने की जरूरत नहीं पड़ती; compliance पहले से ही इंबेड है, अलग से जोड़ना नहीं पड़ता।
Compliance core बनाए रखने से हमारे पार्टनर्स तेज़ी से launch कर पाते हैं, क्योंकि उन्हें बार-बार core controls को चेक या revalidate नहीं करना पड़ता।
हम Eightcap Embedded को ‘compliant-by-design’ infrastructure की तरह पोजिशन करते हैं, जिससे brokers, exchanges और wallets भरोसे के साथ, तेज और scalable तरीके से grow कर सकते हैं—वो भी clients और रेग्युलेटर्स दोनों का विश्वास बनाए रखते हुए।”
BeInCrypto: embedded finance में derivatives और क्रिप्टो प्रोडक्ट को integrate करने के दौरान टेक्निकल और risk-management जैसे कई नए चैलेंज आते हैं। usability, compliance और volatile मार्केट्स के बीच संतुलन बनाते वक्त आपको सबसे मुश्किल trade-offs कौन-से लगे?
Patrick Murphy: “हमारी एक बड़ी चुनौती थी कि पार्टनर प्लेटफॉर्म्स पर ऐसा एक्सपीरियंस बनाना जो नेचुरल लगे, लेकिन रेग्युलेटरी जरूरतों को भी फॉलो करे, जैसे क्लाइंट क्लासिफिकेशन (TMD के तहत), लीवरेज लिमिट्स और मार्जिन Requirements।
हालांकि, हमने इसे आसानी से और सक्सेसफुली हैंडल किया, क्योंकि हमारी ट्रेडिंग टीम्स और लीगल व कंप्लायंस टीम्स ने मिलकर ऐसे इंटीग्रेशन बनाए, जो हमारे पार्टनर्स के लिए कंप्लायंट है।”
BeInCrypto: Eightcap Tradesim यूजर्स को simulated ट्रेडिंग के लिए रिवॉर्ड देता है। आपने इस एक्सपेरिमेंट से, ट्रेडर्स के बिहेवियर या एजुकेशन के बारे में क्या सीखा और इसने आपके ऑनबोर्डिंग और रिटेंशन के अप्रोच को कैसे इम्पैक्ट किया?
Patrick Murphy: “Tradesim से ये पता चला कि ट्रेडर सबसे अच्छा तब सीखते हैं जब एनवायरनमेंट रियल जैसा हो, लेकिन कंसिक्वेंसेज न हों। लाइव मार्केट कंडीशंस को सिम्युलेट करके और ट्रेनिंग परफॉर्मेंस पर रिवॉर्ड देकर, हमने देखा कि ट्रेडिंग में कॉन्फिडेंस काफ़ी बढ़ा। बहुत से ट्रेडर्स ने रियल ट्रेडिंग डिसिप्लिन भी डेवलप की, जैसे पोजीशंस को ट्रैक करना, मार्केट को समझना और डेटा एनालाइज करना। इसका मेन टेकअवे ये है कि गेमिफाइड एजुकेशन, क्यूरियोसिटी और कॉन्फिडेंस के बीच गैप को ब्रिज करता है।
हमने देखा कि एजुकेशनल इंगेजमेंट सीधा ट्रेडिंग लॉन्गिविटी से जुड़ा है। जो यूजर्स पांच दिन से ज्यादा simulated ट्रेडिंग करते हैं, वे एक्टिव ट्रेडर्स बनने के ज्यादा चांसेज रखते हैं।”
BeInCrypto: Stablecoin, सेटलमेंट और लिक्विडिटी को बदल रहे हैं। Eightcap इन्हें कैसे यूज़ कर रहा है fiat-crypto फ्लोज़ को एम्बेडेड प्लेटफ़ॉर्म्स में smooth बनाने के लिए, और रेगुलेशन या cross-border ट्रांसफर में अभी कौन सी Frictions हैं जो रह गई हैं?
Patrick Murphy: “Stablecoins पिछले दशक की सबसे इम्पॉर्टेंट फाइनेंशियल इनोवेशंस में से एक हैं। इन्होंने USD₮ जैसी डिजिटल dollars का एक्सेस बढ़ाया है, जिससे इंस्टेंट, कम-कॉस्ट ट्रांसफर बड़े अमाउंट में पॉसिबल हुए हैं और bank/payment सिस्टम्स की लिमिटेशन खासकर emerging markets और UK, EU, और Australia के बाहर के देशों में पूरी की है।
Eightcap में हमने stablecoin का यूज़ क्लाइंट फंडिंग और विदड्रॉल को ज्यादा फास्ट और रिलाएबल बनाने के लिए किया है, वहां friction हटा दी है जहां traditional बैंकिंग काम नहीं करती। लेकिन अभी भी रेग्युलेटरी चैलेंजेज़ हैं, खासकर तब, जब dollar के इस वर्जन को licensed entities में क्लाइंट मनी के तौर पर ट्रीट करना होता है। एक्सिस्टिंग फ्रेमवर्क ब्लॉकचेन-बेस्ड सेटलमेंट के लिए डिज़ाइन नहीं हुए, इसलिए कस्टडी, सेफगार्डिंग और reconciliation की requirements पारंपरिक बैंक मनी के हिसाब से हैं।
USD बैंक एकाउंट्स के साथ इंटरऑपरेबिलिटी भी अभी लिमिटेड है। Stablecoins 24/7 ऑन-चेन सेटल होते हैं, लेकिन बैंक सिर्फ बिजनेस hours और siloed payment networks में ऑपरेट करते हैं। जब तक regulation और infrastructure अपडेट नहीं होता, stablecoins एक पैरेलल सिस्टम ही रहेंगे, अपने में बहुत efficient, लेकिन अभी पूरी तरह से रेग्युलेटेड फाइनेंशियल institutions से integrate नहीं हुए हैं।”
BeInCrypto: कौन से रेग्युलेटरी या टेक्नोलॉजिकल बदलाव अगले दो सालों में एम्बेडेड मल्टी-ऐसेट ट्रेडिंग को डिफाइन करेंगे? और Eightcap खुद को इस ट्रांजिशन के लिए कैसे तैयार कर रहा है?
Patrick Murphy: “आने वाले दो सालों में, ज्यादातर assets ऑन-चेन शिफ्ट होंगे, सिर्फ क्रिप्टो ही नहीं बल्कि tokenized गोल्ड, इक्विटीज़ और कैश equivalents भी। ये शिफ्ट कैपिटल के use को fundamentally बदल देगा। जब assets नॉर्मली ऑन-चेन होंगे, तो उन्हें collateral, settlement, या बिना sell/exist किए रीइनवेस्ट के लिए ज्यादा efficiently use किया जा सकेगा। इन्वेस्टर्स Bitcoin, tokenized गोल्ड या stocks को डाइनैमिक collateral की तरह यूज़ कर सकेंगे, दूसरे assets ट्रेड या derivatives से hedge कर सकेंगे, या instantly री-इनवेस्ट कर पाएंगे।
Eightcap में, हम लीडिंग क्रिप्टो टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं, जो ग्लोबल लाइसेंसिंग स्टैक को इस्तेमाल कर ऑन-चेन और हाइब्रिड DeFi/ट्रेडिशनल फाइनेंस products को मार्केट में लेकर आ रहे हैं। रेग्युलेटेड मल्टी-ऐसेट इन्फ्रास्ट्रक्चर, tokenized assets और stablecoin settlement को मिलाकर, हम अपने पार्टनर्स को seamless, compliant और capital-efficient trading एक्सपीरियंस दे रहे हैं।
जैसे-जैसे क्रिप्टो और टोकनाइजेशन रेग्युलेशन्स ज्यादा mature होते जाएंगे, Eightcap खुद को ट्रेडिशनल कैपिटल मार्केट्स और emerging ऑन-चेन इकोनॉमी के बीच ब्रिज के तौर पर पोजिशन कर रहा है।”